Hindi NewsIndia NewsIndia stands with Nepal PM Modi offers assistance for damage caused by heavy rains

नेपाल में आपदा... पीएम मोदी ने जताया दुख, कहा- भारत सहायता के लिए तैयार

संक्षेप: नेपाल में वर्षा-संबंधी आपदाओं में मृतकों की संख्या अब 47 तक पहुंच गई है, जिसकी पुष्टि सशस्त्र पुलिस बल नेपाल ने की है। हिमालयी देश के सुरक्षा बलों के आंकड़ों के अनुसार, बाढ़, भूस्खलन, बिजली गिरने तथा सड़क हादसों से 13 अन्य व्यक्ति घायल हुए हैं।

Sun, 5 Oct 2025 04:59 PMDevendra Kasyap लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली
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नेपाल में आपदा... पीएम मोदी ने जताया दुख, कहा- भारत सहायता के लिए तैयार

नेपाल में भारी बारिश से हाहाकार मचा हुआ। अब तक अलग-अलग घटनाओं में 47 लोगों की मौत हो चुकी है। इस कठिन समय में भारत की सरकार नेपाल की जनता के साथ है। भारत हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा कि नेपाल में भारी बारिश से हुई जान-माल की क्षति अत्यंत पीड़ादायक है। हम इस कष्टमय समय में नेपालवासियों और वहां की सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। पोस्ट में आगे कहा गया कि मित्रवत पड़ोसी और त्वरित प्रतिक्रिया देने वाले के नाते भारत किसी भी अनिवार्य सहायता के लिए तैयार है।

बता दें कि पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के फलस्वरूप नेपाल के अनेक जिलों में भूस्खलन और बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है। इससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं, अनेक की जानें गई हैं तथा बुनियादी संरचनाएं ध्वस्त हो गई हैं। देशभर में आपातकालीन सेवाएं सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने का प्रयास कर रही हैं, जबकि दुर्गम इलाकों में बचाव कार्य अभी भी जोरों पर हैं।

नेपाल में वर्षा-संबंधी आपदाओं में मृतकों की संख्या अब 47 तक पहुंच गई है, जिसकी पुष्टि सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) नेपाल ने की है। हिमालयी देश के सुरक्षा बलों के आंकड़ों के अनुसार, बाढ़, भूस्खलन, बिजली गिरने तथा सड़क हादसों से 13 अन्य व्यक्ति घायल हुए हैं। इसके अलावा, आपदा से जुड़ी घटनाओं में 11 लोगों के लापता होने की खबरें सामने आई हैं, एपीएफ के संयुक्त प्रवक्ता शैलेंद्र थापा ने इसकी आधिकारिक पुष्टि की है।

दरअसल, शुक्रवार रात से नेपाल में भारी बारिश हो रही है। लगातार हो रही बारिश के बाद रेड जोन घोषित किया गया है। मंडलाधार वर्षा के परिणामस्वरूप सप्तकोशी नदी का जलस्तर तेजी से उफान पर है, जिसके चलते भारत से सटे कोसी बैराज के सभी 56 गेट खोल दिए गए हैं। सप्तकोशी जल मापन नियंत्रण कक्ष ने पुष्टि की है कि जल स्तर खतरनाक सीमा को पार कर चुका है। सुनसरी और उदयपुर के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ने के मद्देनजर सीडीओ ने नदी तटवासी निवासियों से सतर्क रहने और जरूरी सावधानियां अपनाने की अपील की है।

बता दें कि भारत ने विगत में प्राकृतिक विपत्तियों के दौरान नेपाल की मदद में निर्णायक भूमिका निभाई है, जिसमें 2015 का विनाशकारी भूकंप शामिल है, जिसमें 8962 लोगों की मौत हुई और 21,952 घायल हुए थे। इसी प्रकार 2020 की बाढ़ में भी भारत ने सहयोग दिया, जब 196 व्यक्ति मारे गए और 188 घायल हो गए। सांस्कृतिक, आर्थिक तथा राजनीतिक संबंधों के चलते दोनों राष्ट्र संकट के क्षणों में एक-दूसरे का भरपूर साथ देते रहे हैं।