चीन की सीमा के पास भारत की बड़ी सफलता, तवांग के गांवों की तेजी से बदल रही तस्वीर
संक्षेप: भारत सरकार के वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के जरिए सीमा से सटे अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले के गांवों की तस्वीर बदल रही है। चीन की सीमा के पास यह भारत की बड़ी सफलता है।

अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में सीमा से सटे लगभग 150 गांवों की तस्वीर तेजी से बदल रही है। केंद्र सरकार की 'वाइब्रेंट विलेज' परियोजना की वजह से यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विकास का काम तेज कर दिया गया है। वहीं सीमा से सटे इलाकों में मजबूत पकड़ और चीन के विस्तारवादी इरादे को भी मात देने के लिए सरकार का यह कदम अहम है। तवांग के डिप्टी कमिश्नर नामग्याल आंगमो ने कहा, वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के दूसरे चरण में और ज्यादा गांवों को जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि इन गांवों को सड़क मार्ग के अलावा डिजिटली भी जोड़ा गया है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तवांग में 147 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुए एक कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन किया था। तवांग में इन्फ्रास्ट्रक्चर को तेजी से विकसित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले ही साल यहां सबसे लंबी हाई एल्टीट्यूड रोड टनल का उद्घान किया था। आंगमो ने कहा कि तवांग में फुटबॉल का क्रेज बढ़ रहा है। मागो और चुना में दूर-दूर से लोग फुटबॉल खेलने के लिए आते हैं।
एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का एक लेख साझा करते हुए कहा, अरुणाचल प्रदेश नए हवाई अड्डों से लेकर सशक्त स्वयं सहायता समूहों तक, तथा कनेक्टिविटी से लेकर रचनात्मकता तक विकसित भारत की भावना को प्रतिबिंबित करता है और अब पूर्वोत्तर भारत की विकास गाथा की परिधि नहीं बल्कि केन्द्र बिन्दू है। श्री मोदी ने शनिवार को यहां एक सोशल मीडिया पोस्ट में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का लेख साझा करते हुए कहा है कि यह देश की विकास यात्रा में अरुणाचल प्रदेश में परिवर्तन और उसके बढ़ते महत्व को रेखांकित करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि पूर्वोत्तर भारत की विकास गाथा की परिधि नहीं, बल्कि केन्द्र बिन्दु है। उन्होंने कहा कि नए हवाई अड्डों से लेकर सशक्त स्वयं सहायता समूहों तक, और कनेक्टिविटी से लेकर रचनात्मकता तक, अरुणाचल प्रदेश विकसित भारत की भावना को प्रतिबिंबित करता है





