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आत्मसमर्पण से आजादी तक... भारत ही नहीं इन देशों के लिए भी खास है 15 अगस्त; जानिए दिलचस्प इतिहास

आत्मसमर्पण से आजादी तक... भारत ही नहीं इन देशों के लिए भी खास है 15 अगस्त; जानिए दिलचस्प इतिहास

संक्षेप: Independence day 2025: 15 अगस्त 1947 के दिन भारतीयों को सदियों की गुलामी के बाद आजादी का नया सूर्य देखने को मिला था। आज भारत अपनी आजादी की 79वीं सालगिरह मना रहा है।

Fri, 15 Aug 2025 11:22 AMUpendra Thapak लाइव हिन्दुस्तान
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Independence day: 15 अगस्त 1947 के दिन हमारा देश सदियों की विदेशी पराधीनता से मुक्त हुआ था। आजादी, एक ऐसा सपना, जिसके लिए लाखों लोगों ने हँसते-हँसते अपनी बलि चढ़ा दी थी। पराधीनता की बेड़ियों में जकड़े करोड़ों भारतीय के लिए 15 अगस्त का दिन किसी उत्सव की तरह आया था, यह इतना बड़ा उत्सव था कि उस रात भारत के कई बड़े और छोटे शहरों में लोग घंटों जश्न मनाते रहे उसके बाद भी आजादी का खुमार कम नहीं हुआ। आज हम एक बार फिर से 15 अगस्त पर आ खड़े हुए हैं, पूरा देश आजादी का उत्सव मना रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं 15 अगस्त केवल भारत ही नहीं बल्कि अन्य कई देशों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। तो आइए जानते हैं 15 अगस्त को हुई पिछली दो शताब्दियों की प्रमुख घटनाओं के बारे में...

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जापानी शासक का समर्पण और कोरिया की स्वतंत्रता

15 अगस्त 1945, अमेरिका द्वारा गिराए गए दो शक्तिशाली परमाणु बमों ने जापान को दूसरे विश्व युद्ध में घुटनों पर ला दिया। इसका परिणाम यह हुआ कि जापान के सम्राट हिरोहितो ने परमाणु बम गिराए जाने के कुछ दिनों बाद यानी 15 अगस्त को रेडियो के जरिए आत्मसमर्पण की घोषणा कर दी। इस आत्मसमर्पण की घोषणा को जापान में ‘सुसेन नो ही’ यानि युद्ध समाप्ति दिवस के रूप में याद किया जाता है।

जापानी शासक की आत्मसमर्पण की घोषणा के तुरंत बाद ही पिछले चार दशकों को जापान का उपनिवेश बनकर रह रहे कोरिया को भी स्वतंत्रता मिल गई। हालांकि बाद में यह पूरा क्षेत्र एक देश का हिस्सा नहीं रह सका और विभाजित हो गया। वर्तमान में दक्षिण कोरिया 15 अगस्त को ग्वांगबोकजोल (स्वतंत्रता पुन प्राप्ति दिवस) के रूप में मनाता है।

कांगो की स्वतंत्रता

अफ्रीकी देश कांगो ने 15 अगस्त 1960 को फ्रांस से अपनी स्वतंत्रता हासिल की थी। भारत की तरह कांगो ने भी अपनी आजादी के लिए काफी संघर्ष किया। इसके बाद उसे पेरिस के अधिकार क्षेत्र से मुक्ति मिली और फुल्बेर्ट योउटू यहां के पहले राष्ट्रपति बने।

बहरीन को मिली आजादी

भारत की आजादी के दिन ही 1971 में बहरीन को भी आजादी मिली। ब्रिटेन के साथ समझौते के बाद इसी दिन आजादी की घोषणा हुई थी। हालांकि, बहरीन अपना आधिकारिक राष्ट्रीय दिवस 16 दिसंबर को मनाता है। इसका प्रमुख कारण अमीर ईसा बिन सलमान अल खलीफा की गद्दी पर 16 दिसंबर को ही बैठे थे।

लिंचेस्टेंश्टाइन की आजादी

15 अगस्त 1855 को जर्मनी परिसंघ के विघटन के बाद लिंचेस्टेंश्टाइन को भी आजादी मिली थी। यूरोप का यह छोटा सा भूमि से घिरा हुआ देश भारत के साथ ही अपना राष्ट्रीय दिवस मनाता है।

इन प्रमुख घटनाओं के अलावा कई ऐसी घटनाओं भी इसी दिन इतिहास में हुई है, जिससे मानवीय सभ्यता पर भी बहुत फर्क पड़ा है। जैसे की 15 अगस्त 1914 के दिन पनामा नहर का उद्घाटन किया गया था। इस नहर से अमेरिका को काफी फायदा मिला। इसके बाद अमेरिका लगातार अमीर होता गया। इसके अलावा सांस्कृतिक रूप से यह दिन रोमन कैथलिक धर्म के लिए भी काफी पवित्र माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि 15 अगस्त को ही वर्जिन मैरी का स्वर्गारोहण हुआ था। इसकी वजह से यूरोप और लैटिन अमेरिका सहित कई देशों में इस दिन सार्वजनिक छुट्टी रहती है।

Upendra Thapak

लेखक के बारे में

Upendra Thapak
उपेन्द्र पिछले कुछ समय से लाइव हिन्दुस्तान के साथ बतौर ट्रेनी कंटेंट प्रोड्यूसर जुड़े हुए हैं। पत्रकारिता की पढ़ाई भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली (2023-24 बैच) से पूरी की है। इससे पहले भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से अपना ग्रैजुएशन पूरा किया। मूल रूप से मध्यप्रदेश के भिंड जिले के रहने वाले हैं। अंतर्राष्ट्रीय संबंधों, राजनीति के साथ-साथ खेलों में भी दिलचस्पी रखते हैं। और पढ़ें
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