Hindi NewsIndia NewsIf Parmatma tells I will do it again says Rakesh Kishore who threw a shoe at CJI BR Gavai Supreme Court
परमात्मा चाहेंगे तो फिर ऐसा करूंगा, CJI बीआर गवई पर जूता फेंकने वाले राकेश किशोर बोले

परमात्मा चाहेंगे तो फिर ऐसा करूंगा, CJI बीआर गवई पर जूता फेंकने वाले राकेश किशोर बोले

संक्षेप: राकेश किशोर ने सोमवार को अदालत की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश गवई की ओर जूता उछालने की कोशिश की थी। जब किशोर को अदालत परिसर से बाहर ले जाया जा रहा था, तो वकील को यह चिल्लाते हुए सुना गया, 'सनातन का अपमान नहीं सहेंगे।'

Wed, 8 Oct 2025 01:50 PMNisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तान
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भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर को अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। उनका कहना है कि वह 'परमात्मा' का काम कर रहे थे। इस घटना के बाद से किशोर के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। खबर है कि उनके दिल्ली स्थित आवास के बाहर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हो गए थे।

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टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा कि वह 'दैवीय निर्देशों' का पालन कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'मैंने परमात्मा का काम किया है। यह दैवीय काम था। खजुराहो के मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा के दोबारा बनने को लेकर की गई उनकी टिप्पणी ने मुझे बेहद आहत कर दिया था...। इसलिए मैंने ऐसा ही किया।' उन्होंने दावा किया है कि वह फिर ऐसा कर सकते हैं।

किशोर ने कहा कि एक दैवीय शक्ति उन्हें ताकत दे रही थी। उन्होंने कहा, 'अगर परमात्मा मझे दोबारा करने के लिए कहते हैं, तो मैं ऐसा दोबारा करूंगा।' उन्होंने दोबारा कि इस घटना से कोई अफसोस नहीं है। किशोर को बार एसोसिएशन से बाहर कर दिया गया था। हालांकि, इस घटना के बाद सीजेआई गवई ने भी उन्हें छोड़ देने के लिए कहा। साथ ही दिल्ली पुलिस ने भी अदालत परिसर में पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया था।

पुरानी बात ताजा हो गई

वेबसाइट से बातचीत में किशोर वाली सोसाइटी में ही रहने वाले 70 साल के पुरुषोत्तम बताते हैं कि वह इस घटना से हैरान नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने बखेड़ा खड़ा किया हो। साल 2021 में कई रहवासियों ने उनके हिंसक बर्ताव की शिकायत की थी।' उन्होंने बताया कि साइन करके एक कॉपी पुलिस को भी दी गई थी।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस शिकायत में 29 नवंबर 2021 की घटना का जिक्र था, जिसमें एक वरिष्ठ नागरिक के साथ मारपीट की गई थी। साथ ही आरोप लगाए गए थे कि किशोर ने वॉट्सएप ग्रुप में रहवासियों को धमकाया भी है।

घर के बाहर प्रदर्शन

रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार सुबह किशोर के मयूर विहार स्थित आवास पर भीड़ जुट गई थी। इनमें से कुछ प्रदर्शनकारी डॉक्टर बीआर आंबेडकर की तस्वीरें और संविधान की प्रति साथ रखे हुए थे। इस दौरान नारे लगाए जा रहे थे 'सीजेआई का अपमान नहीं सहेगा हिन्दुस्तान'। हालात की गंभीरता के मद्देनजर भारी पुलिस बल को भी तैनात किया गया था।

किशोर ने सोमवार को अदालत की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश गवई की ओर जूता उछालने की कोशिश की थी। अदालत कक्ष के अंदर मौजूद सतर्क सुरक्षाकर्मी तुरंत हरकत में आए और हमले को रोका। जब राकेश किशोर को अदालत परिसर से बाहर ले जाया जा रहा था, तो वकील को चिल्लाते हुए सुना गया, 'सनातन का अपमान नहीं सहेंगे।'

Nisarg Dixit

लेखक के बारे में

Nisarg Dixit
निसर्ग दीक्षित एक डिजिटल क्षेत्र के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनकी राजनीति की गतिशीलता पर गहरी नजर है और वैश्विक और घरेलू राजनीति की जटिलताओं को उजागर करने का जुनून है। निसर्ग ने गहन विश्लेषण, जटिल राजनीतिक कथाओं को सम्मोहक कहानियों में बदलने की प्रतिष्ठा बनाई है। राजनीति के अलावा अपराध रिपोर्टिंग, अंतरराष्ट्रीय गतिविधियां और खेल भी उनके कार्यक्षेत्र का हिस्सा रहे हैं। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ जर्नलिज्म करने के बाद दैनिक भास्कर के साथ शुरुआत की और इनशॉर्ट्स, न्यूज18 जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम करने के बाद लाइव हिन्दुस्तान में डिप्टी चीफ कंटेंट प्रोड्यूसर के तौर पर काम कर रहे हैं। और पढ़ें
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