नहीं चाहिए वकील, खुद लडूंगा अपना केस; अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने ठुकराया जज का ऑफर
- अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने दिल्ली हाई कोर्ट को सूचित किया कि वह व्यक्तिगत रूप से अपना केस लड़ेंगे। मलिक ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की उस याचिका का विरोध करेंगे जिसमें उनके लिए मृत्युदंड की मांग की गई है।
जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख और कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि वह व्यक्तिगत रूप से अपना केस लड़ेंगे। मलिक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की उस याचिका के खिलाफ अदालत में पैरवी करने की इच्छा जाहिर कि जिसमें उनके लिए मृत्युदंड की मांग की गई है। मलिक ने न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और गिरीश काथपालिया की पीठ द्वारा किसी वकील या अमिकस क्यूरी की नियुक्ति की सुझाव को भी ठुकरा दिया है।
मलिक ने अदालत को बताया कि वह खुद अपना मामला प्रस्तुत करना चाहते हैं। मलिक ने कहा कि उनके अधिकार के मुताबिक वह ऐसा कर सकते हैं। मलिक ने कहा कि उन्होंने ट्रायल कोर्ट में भी खुद अपना केस लड़ा था और उन्हें तिहाड़ जेल से वर्चुअल रूप से पेश किया गया था। मलिक ने अदालत को बताया कि ट्रायल कोर्ट में उनकी शारीरिक उपस्थिति के दौरान कोई कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई थी। मलिक का मानना है कि यदि हाई कोर्ट में भी ऐसा किया जाता है तो किसी तरह की कानून-व्यावस्था भंग नहीं होगी।
हालांकि, अदालत ने मलिक के इस आग्रह पर विचार करने के लिए उन्हें समय दिया और सुझाव दिया कि वह या तो जवाब दायर करें या लिखित प्रस्तुतीकरण के साथ मामले को कानूनों के आधार पर अपना पक्ष प्रस्तुत करें। अदालत ने यह भी कहा कि मामले की सुनवाई के लिए विस्तृत सुनवाई की आवश्यकता है जो वर्चुअल तरीके से संभव नहीं है। इससे पहले हाई कोर्ट ने सुरक्षा मुद्दों को ध्यान में रखते हुए 4 अगस्त 2023 को आदेश जारी किया था कि मलिक को वर्चुअल रूप से पेश किया जाए, न कि व्यक्तिगत रूप से।
एनआईए ने मई 2022 में ट्रायल कोर्ट द्वारा मलिक को आजीवन कारावास की सजा देने के फैसले के खिलाफ अपील की थी और मृत्यु दंड की मांग की थी। एनआईए ने अपने याचिका में कहा था कि आतंकवाद के ऐसे मामलों में मृत्युदंड देना न्याय का हिस्सा है और मलिक की अल-कायदा के प्रमुख ओसामा बिन लादेन के साथ तुलना की थी, जिसे हाई कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया था। अदालत ने मलिक को एक वकील या अमिकस क्यूरी की नियुक्ति के सुझाव पर विचार करने के लिए कहा और 15 सितंबर को अगली सुनवाई की तारीख तय की थी।
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