
हाउडी मोदी, नमस्ते ट्रंप से क्या मिला? H1-B वीजा की फीस को लेकर ओवैसी का PM मोदी पर निशाना
संक्षेप: Owaisi targeted PM Modi: ओवैसी ने कहा कि ट्रंप प्रशासन के फैसले देखकर लगता है कि वह भारत की रणनीतिक साझेदारी को ज्यादा महत्व नहीं देता है। अगर ऐसा है तो यह केंद्र की मोदी सरकार की विफलता है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच1-बी वीजा की फीस में वृद्धि करने के बाद भारत की घरेलू राजनीति तेज हो गई है। विपक्ष लगातार सरकार पर हावी होता दिखाई दे रहा है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अमेरिकी वीजा को लेकर 1 लाख डॉलर की फीस के फैसले के बाद नरेंद्र मोदी सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने पूछा कि आखिर हमें हाउडी मोदी और नमस्ते ट्रंप जैसे कार्यक्रमों का क्या लाभ हुआ?
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी बात रखते हुए ओवैसी ने लिखा, "ट्रंप ने एच1-बी वीजा सिस्टम को एक तरीके से खत्म ही कर दिया है। इस वीजा सिस्टम के सबसे ज्यादा लाभ भारतीयों को ही मिलता था, भारतीयों में भी तेलंगाना और आंध्र के लोगों की संख्या ज्यादा है।"
ओवैसी ने हाउडी मोदी और नमस्ते ट्रंप जैसे कार्यक्रमों के लिए मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा लगता है सरकार ने घरेलू दिखावे के लिए दीर्घकालिक लाभों की बलि चढ़ा दी है। उन्होंने कहा, "मेरी शिकायत ट्रंप ने नहीं है, उन्होंने वही किया जो वह करना चाहते थे। मेरी शिकायत इस सरकार से है, हाउडी मोदी, नमस्ते ट्रंप करके हमें क्या मिला? ट्रंप के कार्यक्रम के लिए मैडिसन स्कायर गार्डन में इतने सारे प्रवासी भारतीयों को इकट्ठा किया उससे क्या हासिल हुआ?"
हैदराबाद सांसद ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि ट्रंप जिस तरीके से फैसले ले रहे हैं उससे साफ होता है कि अमेरिका भारत को अपना रणनीतिक साझेदार नहीं मानता है। इतना ही नहीं उन्होंने ट्रंप द्वारा 17 सिंतबर को प्रधानमंत्री मोदी को उनके 75वें जन्मदिन पर बधाई देने को लेकर भी चुटकी ली। ओवैसी ने कहा, "जन्मदिन की शुभकामनाएं विदेश नीति की सफलता नहीं है। एच1बी वीजा को समाप्त करने का उद्देश्य भारतीयों को निशाना बनाना था। अमेरिका द्वारा भारत के साथ अपने संबंधों को खतरे में डालना इस बात का प्रमाण है कि उसे हमारे रणनीतिक मूल्य की कोई परवाह नहीं है। हम अमेरिका के रणनीतिक साझेदार हैं, और अगर वे हमें सहयोगी के रूप में नहीं देखते हैं, तो यह इस सरकार की विफलता है।"
ओवैसी यहीं नहीं रुके, उन्होंने हाल ही में भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए टैरिफ और पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए सुरक्षा संधि को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। ओवैसी ने कहा यह सब ट्रंप प्रशासन के आशीर्वाद के बिना संभव नहीं हो सकता था। ओवैसी ने तंज कसते हुए कहा कि वैश्विक रूप से यह घटनाक्रम होना इस बात का प्रमाण है कि भारत की स्थिति कमजोर है।
ओवैसी ने पीएम मोदी के कार्यकाल को भारत की वैश्विक राजनीति में एक खोया हुआ दशक बताया। विपक्ष का यह हमला केवल ओवैसी तक ही सीमित नहीं रहा। बल्कि कांग्रेस ने भी इसे लेकर हमला बोलते हुए पीएम मोदी को एक कमजोर प्रधानमंत्री बताया वहीं आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल ने भी कहा कि ऐसा लगता है कि मोदी इस मामले में कुछ करने में सक्षम नहीं हैं।





