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किसकी राजनीतिक पारी खराब करेगा प्रशांत किशोर का चुनावी डेब्यू? आने वाली है पहली लिस्ट

संक्षेप: पीके जनसुराज पार्टी बनाने के बाद से पूरे प्रदेश में दौरे कर चुके हैं और अब 9 अक्टूबर को उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करने वाले हैं। उनका दावा है कि वह अपनी सूची से चौंका देंगे और तमाम समीकरण बदल जाएंगे। यदि ऐसा हुआ तो वह उम्मीदवारों की लिस्ट घोषित करने में महागठबंधन और एनडीए से आगे निकल जाएंगे।

Tue, 7 Oct 2025 10:18 AMSurya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली
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किसकी राजनीतिक पारी खराब करेगा प्रशांत किशोर का चुनावी डेब्यू? आने वाली है पहली लिस्ट

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। अब उलटी गिनती शुरू हो गई है और हर तरफ के समीकरणों से लेकर दांव-पेच तक पर नजर है। बिहार की 243 सीटों पर तेजस्वी, नीतीश कुमार और भाजपा का फैक्टर है तो अब प्रशांत किशोर के भी पूरे प्रदेश में चर्चे हैं। वह अपनी जनसुराज पार्टी बनाने के बाद से पूरे प्रदेश में दौरे कर चुके हैं और अब 9 अक्टूबर को उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करने वाले हैं। उनका दावा है कि वह अपनी सूची से चौंका देंगे और तमाम समीकरण बदल जाएंगे। यदि ऐसा हुआ तो वह उम्मीदवारों की लिस्ट घोषित करने में महागठबंधन और एनडीए से आगे निकल जाएंगे।

फिलहाल चर्चा इस बात की है कि प्रशांत किशोर का चुनावी राजनीति में डेब्यू किसकी किसकी राजनीतिक पारी को खराब करेगा। प्रशांत किशोर ने सोमवार को मीडिया से कहा कि हम 9 तारीख को पहली लिस्ट जारी करेंगे और उसमें हमारा नाम भी रहेगा। पीके ने फिलहाल यह बताने से इनकार किया है कि वह किस सीट से चुनाव लड़ेंगे और कहा कि आपको स्पष्ट जानकारी 9 तारीख को मिल ही जाएगी। उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी का मजबूत जनाधार है, जो किसी भी गठबंधन के साथ नहीं जाएगा। बता दें कि 2020 के विधानसभा चुनाव में दोनों गठबंधनों को कुल वोटों का 72 फीसदी हिस्सा मिला था। पीके के नाम का जैसा जोर दिख रहा है, उससे अनुमान लग रहा है कि दोनों गठबंधनों से इतर जाने वाला वोट बढ़ सकता है।

मकर संक्रांति वाला दावा प्रशांत किशोर ने फिर दोहराया

यदि पिछली बार यह 28 फीसदी था तो अबकी बार 40 पर्सेंट तक पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि बहुत से विश्लेषक कह रहे हैं कि जनसुराज को ही 20 फीसदी वोट मिलेंगे। यदि पिछली बार से जोड़ें तो 28 फीसदी और 20 जोड़कर कुल 48 पर्सेंट वोट तीसरी ताकत के पास जाएगा। उन्होंने कहा कि मैं कई बार कह चुका हूं कि यह नीतीश कुमार का आखिरी चुनाव है। वह अगली मकर संक्रांति 1 अणे मार्ग पर नहीं मनाएंगे, जो बिहार के मुख्यमंत्री का अधिकारिक आवास है। फिलहाल यह देखना होगा कि प्रशांत किशोर के दावे चुनाव में हकीकत में कितना बदलते हैं। वजह यह है कि उन्हें सोशल मीडिया पर एक वर्ग बिहार का केजरीवाल भी बता रहा है।

एक बात जो जा सकती है प्रशांत किशोर के खिलाफ

इसके अलावा प्रशांत किशोर के खिलाफ एक बात यह भी जा सकती है कि भाजपा माइंडसेट का मतदाता आरजेडी के जीतने के भय से उनसे छिटक सकता है। इसी तरह अब तक महागठबंधन के वोट डालते आए लोग भाजपा के डर से दूर हो सकते हैं। आमतौर पर पोलराइजेशन ज्यादा होने से मतदान भी दो ध्रुवों में ही बंट जाता है। ऐसे में प्रशांत किशोर चाहेंगे कि चुनावी राजनीति जाति और धर्म पर ना जाए, इसकी बजाय विकास के मसले पर ज्यादा से ज्यादा बात होती रहे।

Surya Prakash

लेखक के बारे में

Surya Prakash
दुनियादारी में रुचि पत्रकारिता की ओर खींच लाई। समकालीन राजनीति पर लिखने के अलावा सामरिक मामलों, रणनीतिक संचार और सभ्यतागत प्रश्नों के अध्ययन में रुचि रखते हैं। करियर की शुरुआत प्रिंट माध्यम से करते हुए बीते करीब एक दशक से डिजिटल मीडिया में हैं। फिलहाल लाइव हिन्दुस्तान में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क के इंचार्ज हैं। और पढ़ें
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