
पाक गैंग ने कैसे भारतीयों को ईरान में बनाया बंधक, 80 लाख देकर छुड़ाई जान; कई दिन किया टॉर्चर
संक्षेप: संदीप ने कहा कि हमें यातना दी गई। मेरे पति को सुइयों से चुभोया गया और पीटा गया। मेरे पति ने सबसे ज्यादा यातना सही। उन्होंने कहा कि वे मुझे और मेरे बेटे को रिहा कर देंगे, लेकिन मैंने अपने पति के बिना जाने से इनकार कर दिया।
राहों (पंजाब) के एक परिवार के लिए बीते नौ दिन किसी डरावने सपने से कम नहीं रहे। कनाडा बसने के लालच में ईरान पहुंचे धरमिंदर सिंह, उनकी पत्नी संदीप कौर और 12 वर्षीय बेटा एक अंतरराष्ट्रीय गैंग के चंगुल में फंस गए, जिन्होंने उन्हें अगवा कर लिया और बुरी तरह से टॉर्चर किया। आखिरकार 80 लाख रुपये की फिरौती देकर उनकी जान बचाई जा सकी। इनमें 74.5 लाख रुपये नकद और गहने शामिल थे। परिवार 5 अक्टूबर को सुरक्षित भारत लौट आया।

ईरान पहुंचते ही शुरू हुआ डरावना सफर
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 43 वर्षीय धरमिंदर सिंह ठेके पर खेती करते हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब के एक स्थानीय एजेंट ने उन्हें कनाडा पहुंचाने का झांसा दिया था। एजेंट ने कहा था कि भारत से सीधे नहीं, बल्कि ईरान के रास्ते से कनाडा ले जाया जाएगा और वहां तक का पूरा खर्च वह खुद उठाएगा। पूरे परिवार के लिए 26 लाख रुपये तय हुए थे, लेकिन भुगतान कनाडा पहुंचने के बाद ही करना था।
25 सितंबर को, परिवार चंडीगढ़ से कोलकाता, फिर दुबई और अंत में ईरान की राजधानी तेहरान के लिए उड़ान भरी। एजेंट ने उन्हें निर्देश दिया था कि वे इमाम खोमेनी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के अंदर ही रुकें। संदीप कौर ने याद करते हुए कहा, “एजेंट ने कहा कि कोई हमारा पासपोर्ट लेने आएगा और चार घंटे में हम बाहर होंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।” इसके बजाय, उन्हें होटल में चेक-इन करने के लिए कहा गया क्योंकि समय हो रहा था। संदीप ने बताया, “जब हम हवाई अड्डे से बाहर निकले और टैक्सी किराए पर ली, तो स्थानीय एजेंट के व्यक्ति ने फोन किया और कहा कि कोई हमें लेने आएगा। जल्द ही एक टैक्सी आई, और एक व्यक्ति उतरा और दावा किया कि उसे एजेंट ने भेजा है। हम टैक्सी में बैठ गए और हमें दो घंटे से अधिक समय तक एक सुनसान जगह पर ले जाया गया।” दो घंटे तक वे सुनसान इलाके की ओर ले जाए गए और वहीं से शुरू हुआ आतंक का सिलसिला। उन्होंने कहा, “वे पाकिस्तान से थे…उन्होंने पहले मेरे पति को और फिर मेरे बेटे को ले लिया।”
‘उन्होंने मेरे पति और बेटे को बांध दिया’
संदीप कौर ने रोते हुए बताया, “उन्होंने हमारे पासपोर्ट और फोन ले लिए। फिर मेरे पति और बेटे को अलग-अलग कमरों में बांध दिया। जब वे मुझे वहां ले गए, तो देखा कि दोनों को रस्सियों से बांधा गया है। तभी उन्होंने बताया कि वे पाकिस्तान से जुड़े एक अंडरवर्ल्ड गैंग के लोग हैं और उन्होंने 1.5 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी।”
परिवार ने पंजाब में धरमिंदर के भाई परमजीत से संपर्क करवाया। गैंग ने उसी से रकम देने की मांग की। इस बीच, परमजीत ने भारतीय दूतावास में शिकायत कर दी। लेकिन गैंग को इसकी खबर लग गई। धरमिंदर के अनुसार, “उन्होंने हमें बताया कि दूतावास से किसी ने उन्हें जानकारी दी है। इसके बाद हमें दूसरी जगह ले जाया गया।”
जमीन और गहने बेचकर जुटाए 80 लाख
धरमिंदर ने बताया, “हमने उनसे कहा कि 1.5 करोड़ नहीं जुटा सकते। काफी मिन्नतों के बाद वे 80 लाख में मान गए।” परिवार के रिश्तेदारों ने पहले 40 लाख रुपये जालंधर के मिलाप चौक पर गैंग के एक साथी को सौंपे। बाद में बची हुई रकम जुटाने के लिए छह कनाल पुश्तैनी जमीन बेचनी पड़ी और रिश्तेदारों से उधार लेना पड़ा। कुल मिलाकर 30 लाख रुपये और दिए गए। इसके बाद गैंग ने परिवार से सोने के गहने भी छीन लिए और कहा कि टिकट का खर्च भी वे ही देंगे- 4.5 लाख रुपये। संदीप कौर ने बताया, “हमें पीटा गया, पति के शरीर में सुइयां चुभोईं। उन्होंने कहा कि मुझे और बेटे को छोड़ देंगे, पर मैं पति को छोड़कर नहीं आई।”
सांसद और विदेश मंत्रालय की मदद से घर वापसी
जब पंजाब में परिवार के रिश्तेदारों ने शोर मचाया, तो आनंदपुर साहिब के सांसद मलविंदर सिंह कांग ने तुरंत हस्तक्षेप किया। कांग ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात कर पूरा मामला रखा। विदेश मंत्रालय ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ईरान में भारतीय दूतावास के जरिए परिवार की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की। 5 अक्टूबर को जब धरमिंदर और उनका परिवार घर लौटा, तो पूरे गांव में भावुक दृश्य देखने को मिले। परिजन और पड़ोसी रो पड़े, और सभी ने राहत की सांस ली।
‘सपना टूट गया, अब न्याय चाहिए’
धरमिंदर ने कहा, “हम जिंदा हैं, यही सबसे बड़ी बात है। लेकिन जब तक उन एजेंटों और अपराधियों को सजा नहीं मिलेगी, यह दुःस्वप्न खत्म नहीं होगा।” परिवार अब पंजाब के स्थानीय एजेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की तैयारी में है। सांसद कांग ने सरकार से ऐसे फर्जी एजेंटों पर सख्त कार्रवाई और लोगों को जागरूक करने की मांग की है। उन्होंने कहा, “हर साल कई परिवार विदेश जाने के चक्कर में बरबाद हो रहे हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।”





