Hindi NewsIndia NewsHow Operation Sindoor brought Pakistan to its knees the Indian Army used AI to lay the groundwork
ऑपरेशन सिंदूर में कैसे घुटनों पर आया पाकिस्तान, भारतीय सेना ने AI से ऐसे बिछाई बिसात

ऑपरेशन सिंदूर में कैसे घुटनों पर आया पाकिस्तान, भारतीय सेना ने AI से ऐसे बिछाई बिसात

संक्षेप: लेफ्टिनेंट जनरल ने बताया कि देश में ही विकसित की गई 23 ऐप ने भी ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन ऐप को ऑपरेशन सिंदूर की रीढ़ करार देते हुए उन्होंने कहा कि ऐप ने बिना समय गंवाए वास्तविक समय का डेटा उपलब्ध कराकर सेना की मदद की।

Tue, 7 Oct 2025 06:04 AMNisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तान
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ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। अब कहा जा रहा है कि इस काम में भारत की एक बड़ी मदद AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ने भी की थी। खबर है कि एआई की मदद से भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी सेना की गतिविधियों की जानकारी हासिल की और इस काम में बीते 26 साल के रिकॉर्ड्स का इस्तेमाल किया गया था।

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना में डायरेक्टर जनरल इनफॉरमेशन सिस्टम की जिम्मेदारी संभालने वाले और अब सेना की इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मैकेनिकल इंजीनियर्स (ईएमई) कोर के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव कुमार साहनी ने सोमवार को बताया कि जगह तय करने में और निशाना साधने में सटीकता 94 प्रतिशत से ज्यादा रही थी।

खबर है कि युद्ध क्षेत्र की मॉडलिंग 26 साल के डेटा से की गई थी, जिसमें सभी रेडियो एमिशन और सभी फ्रीक्वेंसी सिग्नेचर को ट्रैक किया गया था। इसमें हर एक उपकरण की गतिविधि और उस पाकिस्तान यूनिट की जानकारी थी, जिसे पहले यह उपकरण सौंपा जा चुका है। उन्होंने कहा, 'इस मॉडलिंग और लाइव फीड की मदद से 94 फीसदी सटीकता हासिल की गई। इसकी मदद से हम पता लगा सके कि मशीन (बंदूक, मिसाइल, यूनिट आदि) सीमा पर किस जगह पर होगी।'

लेफ्टिनेंट जनरल ने बताया कि देश में ही विकसित की गई 23 ऐप ने भी ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन ऐप को उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की रीढ़ करार दिया। उन्होंने कहा कि ऐप ने बिना समय गंवाए वास्तविक समय का डेटा उपलब्ध कराकर दुश्मन के ठिकानों पर सटीक निशाना लगाने में मदद से लेकर खतरों का पता लगाने और रणनीति बनाने तक में सेनाओं को मजबूती दी।

उन्होंने बताया कि इन ऐप के इस्तेमाल में भी तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल देखने को मिला और उन्हें एक ही स्क्रीन पर ऑपरेशन से जुड़ी तमाम जानकारी मिल रही थी। इन जानकारियों को तीनों सेनाएं बिना समय गंवाएं एक दूसरे के साथ साझा भी कर रही थी। उन्होंने कहा कि ऐप की मदद से अगले 72 घंटे के मौसम के पूर्वानुमान के आधार पर सेनाएं अपनी रणनीतियों को अंजाम दे रही थी। उन्होंने कहा कि इन ऐप से मिली जानकारी 94 प्रतिशत से भी ज्यादा सटीक थी।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन द्वारा पाकिस्तान के साथ भारतीय सेनाओं से जुड़ी जानकारी साझा करने से संबंधित सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सेना हर स्थिति से निपटने के लिए आकस्मिक योजना के साथ काम करते हुए हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार थी।

उन्होंने कहा कि सभी खुफिया एजेंसियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले स्वदेशी रूप से विकसित ऐप में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान रिकॉर्ड समय में बदलाव किए गये थे ताकि सेनाओं की जरूरतों को पूरा किया जा सके और दुश्मन के सेंसरों का पता लगाया जा सके।

Nisarg Dixit

लेखक के बारे में

Nisarg Dixit
निसर्ग दीक्षित एक डिजिटल क्षेत्र के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनकी राजनीति की गतिशीलता पर गहरी नजर है और वैश्विक और घरेलू राजनीति की जटिलताओं को उजागर करने का जुनून है। निसर्ग ने गहन विश्लेषण, जटिल राजनीतिक कथाओं को सम्मोहक कहानियों में बदलने की प्रतिष्ठा बनाई है। राजनीति के अलावा अपराध रिपोर्टिंग, अंतरराष्ट्रीय गतिविधियां और खेल भी उनके कार्यक्षेत्र का हिस्सा रहे हैं। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ जर्नलिज्म करने के बाद दैनिक भास्कर के साथ शुरुआत की और इनशॉर्ट्स, न्यूज18 जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम करने के बाद लाइव हिन्दुस्तान में डिप्टी चीफ कंटेंट प्रोड्यूसर के तौर पर काम कर रहे हैं। और पढ़ें
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