डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा का रजिस्टर बनाएं अस्पताल, हमें बताएं; दरिंदगी के बाद ऐक्शन में सरकार
- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दिल्ली के केंद्रीय सरकारी अस्पतालों को सुरक्षित कार्य वातावरण बनाए रखने के लिए एडवाइजरी जारी की है।
कोलकाता में महिला ट्रेनी डॉक्टर से रेप और उसकी हत्या को लेकर पूरे देश में गुस्सा है। देशभर में कई जगह डॉक्टरों से लेकर आम लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी ऐक्शन में आ गया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दिल्ली के केंद्रीय सरकारी अस्पतालों को सुरक्षित माहौल बनाए रखने के लिए एडवाइजरी जारी की है।
इसमें कहा गया है कि हाल के दिनों में सरकारी अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इस हिंसा में कई स्वास्थ्यकर्मियों को अपने करियर के दौरान शारीरिक हिंसा का सामना करना पड़ता है, जबकि कई अन्य को धमकाया जाता है या वे मौखिक आक्रमण का शिकार होते हैं।
मंत्रालय ने सलाह दी है कि केंद्रीय सरकारी अस्पताल इन सभी घटनाओं का एक रजिस्टर बनाकर रखें। किसी भी प्रकार की ऐसी घटना होने पर, उसे तुरंत स्वास्थ्य मंत्रालय को स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशालय के माध्यम से सूचित करें। यह कदम स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा और उन्हें एक सुरक्षित कार्य वातावरण प्रदान करने की दिशा में उठाया गया है। स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति बढ़ती हिंसा के मद्देनजर, मंत्रालय की यह सलाह अस्पताल प्रबंधन के लिए एक सख्त निर्देश है कि वे इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से लें और उन्हें रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
केंद्र सरकार की ये एडवाइजरी ऐसे समय में आई है जब कोलकाता के राजकीय आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के वक्ष विभाग के सेमिनार हॉल में पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला, जिस पर गंभीर चोट के निशान थे। प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि उसके साथ यौन उत्पीड़न किया गया था, जिसके बाद राज्य और अन्य जगहों पर मेडिकल और गैर-मेडिकल बिरादरी ने व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। फिलहाल हाईकोर्ट ने डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या मामले को मंगलवार को कोलकाता पुलिस से सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया।
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