PM मोदी पर ऐसा क्या बोल गए ट्रंप के खास, फिर पूर्व भारतीय अधिकारी ने दिखाया आईना
संक्षेप: पीएम मोदी की चीन यात्रा को लेकर पीटर नवारो ने कहा था, 'मुझे नहीं लगता कि मोदी चीन के साथ मंच पर खड़े होकर सहज महसूस कर रहे थे।' हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब उन्होंने भारत के काम करने के तरीकों पर सवाल उठाए हैं।
अमेरिका के वाइट हाउस सलाहकार पीटर नवारो को भारतीय के पूर्व विदेश सचिव ने चीन से संबंधों को लेकर आईना दिखाया है। उन्होंने कहा है कि नवारो को भारत और चीन के संबंधों के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। हाल ही में अमेरिकी अधिकारी ने दावा किया था कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीनी नेताओं के साथ मंच साझा करने में असहज थे।
भारत के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने लिखा, 'नहीं पता था कि नवारो दूर से दिमाग पढ़ लेते हैं। उन्हें भारत-चीन के उच्च स्तरीय संबंधों की पूरी तरह जानकारी नहीं है।' उन्होंने कहा, 'मोदी ने साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद शी से 18 बार मुलाकात की है। इनमें द्विपक्षीय दौरे और अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलनों के इतर बैठकें शामिल हैं।'
उन्होंने कहा, 'मोदी 5 बार चीन जा चुके हैं और शी दो बार भारत आ चुके हैं। दोनों नेताओं के बीच दो अनौपचारिक शिखर सम्मेलन हुए हैं। आखिरी बार दोनों नेता ब्रिक्स समिट में कजान में मिले थे। इसके बाद एससीओ मीटिंग में मुलाकात हुई। चीन के साथ हमारे क्या मुद्दे हैं, वो हमें पता हैं और उन्हें कैसे संभालना है, ये भी हम जानते हैं। हमारे सैनिक अब भी लद्दाख में लड़ रहे हैं।'
क्या बोले थे नवारो
पीएम मोदी की चीन यात्रा को लेकर नवारो ने कहा था, 'मुझे नहीं लगता कि मोदी चीन के साथ मंच पर खड़े होकर सहज महसूस कर रहे थे।' हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब उन्होंने भारत के काम करने के तरीकों पर सवाल उठाए हैं। इससे पहले भी वह भारत को मुनाफाखोर बता चुके हैं और रूसी तेल की खरीद को लेकर निशाना साध चुके हैं।
बीते सप्ताह नवारो ने दावा किया था कि BRICS ज्यादा समय तक नहीं टिकेगा। उन्होंने कहा था, 'मुझे समझ नहीं आता कि ब्रिक्स गठबंधन कैसे एकजुट रह सकता है, क्योंकि ऐतिहासिक रूप से ये सभी एक-दूसरे से नफरत करते रहे हैं और एक-दूसरे को मारते रहे हैं।' ब्रिक्स में मूल रूप से ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल थे, लेकिन इसका 2024 में विस्तार करके इसमें मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल किया गया तथा 2025 में इंडोनेशिया भी इसमें शामिल हो गया।





