
CGHS ने जारी किए नए मेडिकल पैकेज रेट्स, करीब 2000 मेडिकल प्रोसिजर के दाम बढ़े; किसे फायदा
संक्षेप: नई CGHS दरें अस्पताल की गुणवत्ता, स्थान और प्रकार के आधार पर अलग-अलग होंगी। NABH या NABL मानकों को पूरा करने वाले मान्यता प्राप्त अस्पतालों को पूरी दरें मिलेंगी, जबकि गैर-मान्यता प्राप्त अस्पतालों को 15% कम भुगतान होगा।
केंद्र ने केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) के तहत लगभग 2000 मेडिकल प्रक्रियाओं की दरों में बदलाव किया है। यह संशोधन 13 अक्टूबर से लागू होगा। CGHS से जुड़े सभी स्वास्थ्य संस्थानों और सेवारत कर्मचारियों, पेंशनभोगियों व अन्य लाभार्थियों के चिकित्सा प्रतिपूर्ति दावों पर भी लागू होगा। नैटहेल्थ-हेल्थकेयर फेडरेशन ऑफ इंडिया की अध्यक्ष और मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर लिमिटेड की कार्यकारी अध्यक्ष अमीरा शाह ने कहा, 'हम सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं। यह सुधार पहले दी गई GST राहत के साथ स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और उद्योग की लंबे समय से चली आ रही मांगों को पूरा करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।'

नई CGHS दरें अस्पताल की गुणवत्ता, स्थान और प्रकार के आधार पर अलग-अलग होंगी। NABH या NABL मानकों को पूरा करने वाले मान्यता प्राप्त अस्पतालों को पूरी दरें मिलेंगी, जबकि गैर-मान्यता प्राप्त अस्पतालों को 15% कम भुगतान होगा। सुपर-स्पेशियलिटी अस्पतालों को हाई ट्रीटमेंट लागत के कारण 15% अधिक भुगतान किया जाएगा। छोटे शहरों में अस्पतालों को मेट्रो शहरों की तुलना में कम दरें मिलेंगी। टियर-2 शहरों में 10% कम और टियर-3 शहरों में 20% कम होगा।
अस्पतालों और लाभार्थियों को फायदा
स्वास्थ्य उद्योग ने लंबे समय से पुरानी प्रतिपूर्ति दरों को अपडेट करने की मांग की थी, क्योंकि ये निजी अस्पतालों के लिए CGHS से जुड़ाव को मुश्किल बना रही थीं। नई दरों से निजी अस्पतालों को लाभ होगा, क्योंकि CGHS मरीजों के उपचार की लागत बढ़ेगी। 6 अक्टूबर को अपोलो हॉस्पिटल्स, मैक्स हेल्थकेयर, ग्लोबल हेल्थ, नारायणा हेल्थ, फोर्टिस हेल्थकेयर और यथार्थ हॉस्पिटल्स जैसे हेल्थ स्टॉक्स में 6% तक की तेजी देखी गई। नई दरों के साथ अस्पतालों को CGHS निदेशालय के साथ 90 दिनों के भीतर नए समझौता ज्ञापन (MoA) पर हस्ताक्षर करने होंगे, क्योंकि मौजूदा MoA 13 अक्टूबर को समाप्त हो जाएंगे। सरकार ने आखिरी बार 2023 में निजी अस्पतालों में परामर्श और उपचार की दरों को अपडेट किया था। OPD परामर्श शुल्क 150 रुपये से बढ़ाकर 350 रुपये किया गया था, जबकि इन पेशेंट परामर्श शुल्क 300 रुपये से 350 रुपये किया गया था।





