CAA के तहत नागरिकता पाने वालों के लिए खुशखबरी! 'कोई भी दस्तावेज' मान्य होगा, सरकार ने समझाया
- नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत भारतीय नागरिकता चाहने वाले कई आवेदकों को नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 के एक विशेष खंड के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।
केंद्र ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत नागरिकता पाने वालों के लिए केंद्र सरकार ने अच्छी खबर दी है। दरअसल सरकार ने सीएए के तहत जारी नियमों का दायरा बढ़ा दिया है। इस कानून के जरिए अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर आने वाले अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घोषणा की है कि केंद्र या राज्य सरकार या भारत में अर्ध-न्यायिक निकाय द्वारा जारी किया गया "कोई भी दस्तावेज" स्वीकार्य होगा, जो यह साबित करता हो कि माता-पिता, दादा-दादी या परदादा-परदादी में से कोई भी इन तीनों देशों में से किसी एक के नागरिक हैं या रहे हैं।
गृह मंत्रालय का यह स्पष्टीकरण तब आया जब नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत भारतीय नागरिकता चाहने वाले कई आवेदकों को नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 के एक विशेष खंड के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 के पहले के खंड में कहा गया है, "कोई भी दस्तावेज जो दर्शाता हो कि आवेदक के माता-पिता या दादा-दादी या परदादा-परदादी में से कोई भी तीन देशों यानी अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान में से किसी एक का नागरिक हैं या रहे हैं।"
गृह मंत्रालय ने अपने नवीनतम स्पष्टीकरण में कहा, "यह स्पष्ट किया जा सकता है कि अनुसूची-1ए के क्रम संख्या 8 के तहत दस्तावेजों में केंद्र सरकार/राज्य सरकार/भारत में किसी न्यायिक या अर्ध न्यायिक निकाय द्वारा जारी कोई भी दस्तावेज जैसे भूमि रिकॉर्ड, न्यायिक आदेश आदि शामिल हो सकते हैं, जो यह दर्शाते हैं कि आवेदक या उसके माता-पिता या दादा-दादी या परदादा-परदादी अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान के नागरिक थे।" इसमें कहा गया है, "नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए)-2019 के तहत किसी भी नागरिकता आवेदन पर फैसला करते समय उपरोक्त स्पष्टीकरण पर ध्यान दिया जा सकता है।"
31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आये सताए गए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए दिसंबर 2019 में सीएए लागू किया गया था। अधिनियमन के बाद सीएए को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई, लेकिन जिन नियमों के तहत भारतीय नागरिकता दी जाएगी, वे चार साल की देरी के बाद इस साल 11 मार्च को ही जारी किए गए।
सरकार मई महीने से सीएए के तहत तीन देशों से आने वाले लोगों को नागरिकता दे रही है। वर्ष 2019 में सीएए को मंजूरी मिलने पर देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए थे और आंदोलनकारियों ने इसे "भेदभावपूर्ण" करार दिया था। देश के विभिन्न हिस्सों में सीएए विरोधी प्रदर्शनों या पुलिस कार्रवाई के दौरान सौ से अधिक लोगों की जान चली गई थी।
(इनपुट एजेंसी)
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