पूर्व CJI चंद्रचूड़ को अपने किस फैसले पर है सबसे ज्यादा गर्व, याद आई पुरानी बात
संक्षेप: Former CJI DY Chandrachud: भारत के 50वें प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 8 नवंबर, 2024 को सेवानिवृत्त हो गए थे। इसके बाद जस्टिस भारत भूषण गवई सीजेआई बने थे। उन्होंने बताया कि वह किस फैसले पर सबसे ज्यादा गर्व करते हैं।
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को बतौर जज अपने करियर पर खुलकर बात की। इस दौरान उन्होंने बाबरी मस्जिद से लेकर सेना में महिलाओं के बढ़ते कद पर बात की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घर आने के बाद शुरू हुए सियासी विवाद पर भी प्रतिक्रिया दी। इस दौरान उन्होंने बताया कि वह किस फैसले पर सबसे ज्यादा गर्व करते हैं।
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में पहुंचे पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ से पूछा गया कि आपका जज के तौर पर करियर काफी लंबा रहा और इस दौरान आपने कई अहम फैसले दिए हैं। ऐसा कौनसा फैसला है, जिसपर आप सबसे ज्यादा गर्व करते हैं। होस्ट ने धारा 377 और निजता के अधिकार जैसे फैसलों का भी जिक्र किया।
इसपर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, 'अगर आप यही सवाल मुझे कल शाम को पूछेंगे, तो हो सकता है कि मेरा जवाब कुछ और हो। क्योंकि इस दौरान कई फैसले मैंने किए। लेकिन अगर ईमानदार से कहूं कि कोई एक फैसला जो मैंने किया है और जिसपर मैं गर्व करता हूं तो वह है महिलाओं को सशस्त्र बलों में स्थाई सदस्यता दिलाना। जब मैं महिला को राफेल या सुखोई जैसे लड़ाकू विमान में देखता हूं या देखता हूं कि एक महिला सीमा पर तैनात है और हमारी रक्षा कर रही हैं। तब लगता है मैंने देश के लिए कुछ किया है।'
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जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, 'संवैधानिक पदाधिकारियों के बीच, इस बात को समझते हैं कि कैसे हम विपक्षी दलों के नेता नहीं हैं, बल्कि न्यायपालिका और कार्यपालिका हैं। यह सच है कि हम जो काम करते हैं, वहां हम कार्यपालिका से एकदम स्वतंत्र होते हैं। जब परिवार में शादी होती है, तो प्रधानमंत्री न्यायाधीशों के घर जाते हैं...।' पूर्व सीजेआई ने याद किया कि जब उनकी मां का देहांत हुआ था, तब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अपनी पत्नी के साथ उनके घर पहुंचे थे।
भारत के 50वें प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ आठ नवंबर, 2024 को सेवानिवृत्त हो गए थे। इसके बाद जस्टिस भारत भूषण गवई सीजेआई बने थे।





