मालदीव पहुंचे विदेश मंत्री जयशंकर,बोले- आप हमारे लिए सबसे अहम; रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने की संभावना
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर पड़ोसी देश मालदीव के दौरे पर हैं। चीन समर्थक माने जाने वाले मालदीव के राष्ट्रपति मुईज्जू के सत्ता संभालने के बाद यह भारत की तरफ से पहली हाई लेवल विजिट है।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर शुक्रवार को अपने तीन दिवसीय दौरे के लिए द्वीपीय देश मालदीव पहुंचे। मालदीव में पहुंचते ही विदेश मंत्री ने कहा कि यह द्वीपीय देश हमारे पडोसियों में सबसे महत्वपूर्ण जगह रखता है। विदेशमंत्री एस जयशंकर का यह दौरा बहुत महत्वपूर्ण है। चीन समर्थक माने जाने वाले मालदीव के राष्ट्रपति मुईज्जू के सत्ता में आने के बाद यह भारत की तरफ से पहली बार इतनी बड़ी ऑफिशियल विजिट है।
जयशंकर ने एक्स पर किया पोस्ट, मालदीव के विदेश मंत्री ने दिया जवाब
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर का शुक्रिया कि वह मुझे एयर पोर्ट पर लेने के लिए आए,मालदीव हमारी पडोसी प्रथम और सागर नीति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। मालदीव की सरकार के साथ एक बेहतर बातचीत की आशा है।
मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ने भी विदेश मंत्री एस जयशंकर का जवाब देते हुए लिखा कि भारत के विदेश मंत्री का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है। डॉ जयशंकर अपनी आधिकारिक यात्रा पर हैं। मालदीव और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए सार्थक चर्चा करने के लिए उत्सुक हूं।
मालदीव में आखिरी बार विदेश मंत्री जयशंकर की आखिरी यात्रा जनवरी 2023 में हुई थी, लेकिन तब से लेकर अब तक भारत और मालदीव के बीच काफी कुछ बदल चुका है।
मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू से भी मुलाकात करेंगे विदेश मंत्री जयशंकर
अपनी इस यात्रा के दौरान विदेश मंत्री यहां पर मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू से मुलाकात करेंगे और वर्तमान में भारत और मालदीव के बीच चल रहे संबंधों पर चर्चा करेंगे।
उनकी यात्रा से पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि मालदीव भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी देश है और भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति और हमारे विजन 'सागर' यानी सुरक्षा और विकास में एक महत्वपूर्ण भागीदार है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच की साझेदारी को और मजबूत करना और द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाने के रास्ते तलाशना है।
मुइज्जू के आने के बाद से संबंध खराब, सैनिक बुलाने पड़े थे वापस
नवंबर 2023 में चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्ज़ू के द्वारा मालदीव के राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के बाद से भारत और मालदीव के बीच संबंध गंभीर तनाव में आ गए हैं। मुइज्जू ने अपनी शपथ के कुछ ही घंटों के भीतर उन्होंने अपने देश से भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने की मांग की थी। इसके बाद 10 मई तक भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस बुलाकर उनकी जगह आम नागरिकों को रखा गया था। मुइज्जू ने अपने चुनाव का पूरा अभियान भारत विरोध में ही रखा था। उन्होंने मालदीव में खुले आम इंडिया आउट कैंपेन चलाया था।
मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसियों में से एक है और रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्रों सहित सभी द्विपक्षीय संबंधों में माले की पिछली सरकार के साथ प्रगति देखी गई थी।
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