
'पीएम मोदी को करनी चाहिए थी बात', जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे की बहाली पर फारूक अब्दुल्ला
संक्षेप: जेकेएलएफ अध्यक्ष यासिन मलिक के मामले के बारे में पूछे जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अदालतों को तय करना है। उन्होंने कहा, 'निर्णय अदालतें करती हैं। अदालत यह तय करेगी। इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं है।'
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे की बहाली का मुद्दा फिर उठाया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में इस बारे में बात करनी चाहिए थी। पीएम मोदी ने रविवार शाम को अपने संबोधन में लोगों को जीएसटी सुधारों के लाभों के बारे में बताया था। नई जीएसटी दरें सोमवार से लागू हो गईं। अब्दुल्ला ने कहा, 'आप GST की बात कर रहे हैं। बेहतर होता अगर आप अपने भाषण में हमारे राज्य के दर्जे की बात करते।'
फारूक अब्दुल्ला से पूछा गया कि एनसी को सुप्रीम कोर्ट से कैसे फैसले की उम्मीद है, जहां इस मामले पर याचिका अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। इस पर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का हर नागरिक उम्मीद कर रहा है कि राज्य का दर्जा बहाल होगा। उन्होंने कहा, 'न केवल नेशनल कॉन्फ्रेंस, बल्कि सभी को उम्मीद है कि हमें हमारा राज्य का दर्जा वापस मिलेगा।' जेकेएलएफ अध्यक्ष यासिन मलिक के मामले के बारे में पूछे जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अदालतों को तय करना है। उन्होंने कहा, 'निर्णय अदालतें करती हैं। अदालत यह तय करेगी। इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं है।'
यासिन मलिक के बारे में क्या कहा
यासिन मलिक आतंकवादी फंडिंग मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है। उसे फरवरी 2019 में गिरफ्तार किया गया था और उसके खिलाफ कई मामले चल रहे हैं, जिनमें रुबैया सईद के अपहरण और 1990 में रावलपोरा में आईएएफ कर्मियों पर हमले से जुड़े केस शामिल हैं। वहीं, फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में शासन की व्यवस्था को उस्तरे की धार पर चलने जैसा बताया। उन्होंने कहा, '...लेकिन हमें इस पर चलना होगा और हम पीछे नहीं हट सकते।' आप विधायक मेहराज मलिक की हिरासत के बारे में सवाल के जवाब में एनसी अध्यक्ष ने कहा, 'डोडा के विधायक की ओर से इस्तेमाल की गई भाषा अनुचित थी, लेकिन उन पर पीएसए के तहत कार्रवाई करना गलत था।'





