Hindi NewsIndia Newsfake scientist Akhtar Hussaini earned crores of rupees from abroad arrested
नकली वैज्ञानिक बन विदेश से कमाए करोड़ों रुपये, 30 साल बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा अख्तर हुसैनी

नकली वैज्ञानिक बन विदेश से कमाए करोड़ों रुपये, 30 साल बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा अख्तर हुसैनी

संक्षेप: मुंबई में 60 साल के एक नकली वैज्ञानिक को गिरफ्तार किया गया है। उसपर संवेदनशील जानकारी देने के नाम पर करोड़ों रुपये की फॉरेन फंडिंग प्राप्त की थी। 

Mon, 3 Nov 2025 01:48 PMAnkit Ojha लाइव हिन्दुस्तान
share Share
Follow Us on

मुंबई में 60 साल के एक नकली वैज्ञानिक को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने भाभा रिसर्च सेंटर का वैज्ञानिक होने का दावा करके पिछले 30 साल में करोड़ों की फंडिंग प्राप्त की। उसने संवेदनशील न्यूक्लियर डेटा बेचने का दावा किया था। आरोपी का नाम अख्तर हुसैनी बताया गया है। उसके पास से 10 मैप और परमाणु हथियारों से संबंधित नकली आंकड़े भी बरामद किए गए हैं। आरोपी झारखंड के जमशेदपुर का रहने वाला है।

LiveHindustan को अपना पसंदीदा Google न्यूज़ सोर्स बनाएं – यहां क्लिक करें।

आरोपी के पास से नकली पासपोर्ट, पैन कार्ड और BARC का नकली आईकार्ड भी पाया गया है। एक आईडी में उसका नाम अली रजा हुसैन लिखा हुआ है। वहीं दूसरी में अलेग्जेंडर पाल्मर लिखा पाया गया है। दिल्ली में उसके भाई आदिल को भी गिरफ्तार किया गया है। मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक हसैनी के भाई को 1995 में फंडिंग मिलनी शुरू हुई थी। शुरू में उन्हें लाखों में रुपये मिलते थे। वहीं साल 2000 के बाद करोड़ों की फंडिंग मिलने लगी।

पैसे देने वाले लोगों से उसने BARC और न्यूक्लियर प्लांट से संबंधित डेटा देने का वादा किया था। जांच के दौरान पुलिस को प्राइवेट बैंक अकाउंट भी मिला है जिसमें संदिग्ध ट्रांजैक्शन किए गए थे। वहीं दोनों भाइयों ने जांच से पहले ही कई अकाउंट्स को बंद कर दिया था। एजेंसियों के संदेह है कि दोनों आरोपी पाकिस्तान भी गए थे और आईएसआई से भी उनके संबंध थे।

अख्तर दुबई में भी पहचान बदलकर रह चुका है। 2004 में उसे दुबई से डिपोर्ट कर दिया गया था। 1996 में ही उन्होंने झारखंड में अपना पैतृक आवास बेच दिया था। इसके बाद उसने दो नकली पासपोर्ट बनवाए। एक पासपोर्ट हुसैनी मोहम्मद आदिल के नाम से था और दूसरा नसीमुद्दीन सैयद आदिल हुसैनी के नाम से था। दोनों पासपोर्ट पर उसी पुराने मकान का अड्रेस लिखा था जो कि वे 30 साल पहले ही बेच चुके थे।

Ankit Ojha

लेखक के बारे में

Ankit Ojha
अंकित ओझा पिछले 8 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। अंकित ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया से स्नातक के बाद IIMC नई दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया है। इसके बाद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की है। राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय डेस्क पर कार्य करने का उनके पास अनुभव है। इसके अलावा बिजनेस और अन्य क्षेत्रों की भी समझ रखते हैं। हिंदी, अंग्रेजी के साथ ही पंजाबी और उर्दू का भी ज्ञान है। डिजिटल के साथ ही रेडियो और टीवी के लिए भी काम कर चुके हैं। और पढ़ें
इंडिया न्यूज़ , विधानसभा चुनाव और आज का मौसम से जुड़ी ताजा खबरें हिंदी में | लेटेस्ट Hindi News, बॉलीवुड न्यूज , बिजनेस न्यूज , क्रिकेट न्यूज पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।