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नेपाल जेल से भागी और भारत में अरेस्ट; कौन है अख्तर बानो, कई पाकिस्तानी नंबर मिले

नेपाल जेल से भागी और भारत में अरेस्ट; कौन है अख्तर बानो, कई पाकिस्तानी नंबर मिले

संक्षेप: बानो लगभग 12 वर्ष पूर्व पाकिस्तानी पासपोर्ट का इस्तेमाल करके नेपाल चली गई थी और नशीली दवाओं से जुड़ी गतिविधियों में शामिल हो गई थी। वर्ष 2014 में उसे नेपाली अधिकारियों ने एक किलोग्राम ब्राउन शुगर रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था और उसे 15 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।

Mon, 13 Oct 2025 07:09 AMNisarg Dixit वार्ता
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दक्षिण त्रिपुरा के सबरूम रेलवे स्टेशन पर रेलवे पुलिस ने कथित तौर पर नेपाल जेल से भागी हुई पाकिस्तानी मूल की 50 वर्षीय महिला को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा कि महिला नेपाल में नशीले पदार्थों की तस्करी करती थी। उसे कोलकाता से कंचनजंगा एक्सप्रेस से रेलवे स्टेशन पहुंचने पर संदिग्ध व्यवहार करने के बाद हिरासत में लिया गया।

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शुरुआत में उसने अपनी पहचान दिल्ली के पुरानी बस्ती शाहिना परवीन बताई, लेकिन कोई वैध पहचान पत्र उपलब्ध नहीं करा सकी। बाद में पुलिस ने उसके पास मौजूद सामानों की तलाशी ली तो उन्हें पाकिस्तान के कई नंबर मिले।

उन्होंने बताया कि पूछताछ में महिला ने कबूल किया कि वह तीन साल पहले बंगलादेश पहुंची थी, वहां से फिर अवैध तरीके से पश्चिम बंगाल होते हुए एक एजेंट की मदद से भारत आई। वह दिल्ली में घरेलू कामकाज करती है और अब बंगलादेश होते हुए पाकिस्तान जाने की कोशिश कर रही थी। उसने अपनी असली पहचान लुईस निगहत अख्तर बानो बताई और कहा कि वह पाकिस्तान के शेखपुरा जिले के चक नंबर 371, गांव यंगनाबाद के मोहम्मद गोलाफ फराज की पत्नी है।

बानो लगभग 12 वर्ष पूर्व पाकिस्तानी पासपोर्ट का इस्तेमाल करके नेपाल चली गई थी और नशीली दवाओं से जुड़ी गतिविधियों में शामिल हो गई थी। वर्ष 2014 में उसे नेपाली अधिकारियों ने एक किलोग्राम ब्राउन शुगर रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था और उसे 15 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।

उन्होंने बताया कि महिला पिछले महीने तक काठमांडू में कैद थी, फिर वहां हुई हिंसा के बीच वह भाग निकली। दो सप्ताह पहले वह एजेंट के बताये गये अवैध तरीकों से भारत में दाखिल हुई और त्रिपुरा या पश्चिम बंगाल से होते हुए बंगलादेश पहुंचकर अपने घर लौटना चाहती थी। पश्चिम बंगाल में घुसने में असफल रहने के बाद बानो ने त्रिपुरा जाने वाली ट्रेन पकड़ी और सबरूम पहुंची जहां से वह बंगलादेश जाना चाहती थी।

फिलहाल वह पुलिस हिरासत में है और अपने बयानों की पुष्टि करने तथा सीमा पार तस्करी से उसके संबंधों का पता लगाने के लिए उससे आगे की पूछताछ की जा रही है।

Nisarg Dixit

लेखक के बारे में

Nisarg Dixit
निसर्ग दीक्षित एक डिजिटल क्षेत्र के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनकी राजनीति की गतिशीलता पर गहरी नजर है और वैश्विक और घरेलू राजनीति की जटिलताओं को उजागर करने का जुनून है। निसर्ग ने गहन विश्लेषण, जटिल राजनीतिक कथाओं को सम्मोहक कहानियों में बदलने की प्रतिष्ठा बनाई है। राजनीति के अलावा अपराध रिपोर्टिंग, अंतरराष्ट्रीय गतिविधियां और खेल भी उनके कार्यक्षेत्र का हिस्सा रहे हैं। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ जर्नलिज्म करने के बाद दैनिक भास्कर के साथ शुरुआत की और इनशॉर्ट्स, न्यूज18 जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम करने के बाद लाइव हिन्दुस्तान में डिप्टी चीफ कंटेंट प्रोड्यूसर के तौर पर काम कर रहे हैं। और पढ़ें
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