Hindi NewsIndia NewsElection Commission is preparing for SIR across the country on the Bihar model
तैयार रखें कागज, वरना वोटर लिस्ट से कट जाएगा नाम; बिहार मॉडल पर पूरे देश में SIR की तैयारी

तैयार रखें कागज, वरना वोटर लिस्ट से कट जाएगा नाम; बिहार मॉडल पर पूरे देश में SIR की तैयारी

संक्षेप: चुनाव आयोग ने 24 जून के आदेश में आधार, EPIC और राशन कार्ड शामिल नहीं किए थे। सुप्रीम कोर्ट के कहने पर भी आयोग ने पहले रुख नहीं बदला था। लेकिन इस हफ्ते अदालत ने आदेश दिया कि बिहार SIR के लिए आधार को स्वीकार किया जाए।

Thu, 11 Sep 2025 06:06 AMHimanshu Jha लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली।
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देशभर में मतदाता सूची को और सटीक बनाने के लिए चुनाव आयोग (EC) अब बिहार मॉडल अपनाने की तैयारी में है। आयोग ने बुधवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) के साथ हुई बैठक में निर्देश दिया कि वे अपनी मौजूदा मतदाता सूचियों को पिछली इंटेंसिव रिविजन (गहन संशोधन) वाली सूची से मिलान करें।

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बिहार में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) के दौरान यह पाया गया कि 7.89 करोड़ रजिस्टर्ड मतदाताओं में से तीन-चौथाई से अधिक का संबंध 2003 की मतदाता सूची से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से है। लगभग 52% मतदाता सीधे 2003 की सूची में पाए गए। करीब 25% मतदाता अपने माता-पिता या परिजनों के नाम के जरिए उस सूची से जुड़े हुए पाए गए।

बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने यह आंकड़ा पेश करते हुए बताया कि परिवारिक सूची के सहारे बड़ी संख्या में मतदाताओं को 2003 सूची से जोड़ा गया।

अब पूरे देश में SIR की तैयारी

बिहार की अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित होगी, लेकिन पूरे देश में SIR कब से लागू होगा इस पर आयोग ने अभी फैसला नहीं लिया है। आयोग के 24 जून के आदेश के अनुसार, बिहार में 2003 के बाद मतदाता सूची में शामिल सभी को जन्म तिथि/जन्म स्थान साबित करने वाले दस्तावेज जमा करने थे। 1 जुलाई 1987 के बाद जन्मे मतदाताओं को अपने माता-पिता के दस्तावेज भी देना अनिवार्य किया गया, जो कि नागरिकता अधिनियम, 1965 के प्रावधानों के अनुरूप है।

दस्तावेज को लेकर बहस

बैठक में आयोग ने राज्यों से पूछा कि बिहार के आदेश में सूचीबद्ध 11 दस्तावेजों के अलावा और कौन से कागजात मतदाता पेश कर सकते हैं। अधिकांश राज्यों के पास इसका जवाब नहीं था। कुछ ने आधार कार्ड और EPIC (Electors Photo Identity Card) का सुझाव दिया। असम जैसे राज्यों ने राज्य-विशिष्ट पहचान पत्र सुझाए।

हालांकि, चुनाव आयोग ने 24 जून के आदेश में आधार, EPIC और राशन कार्ड शामिल नहीं किए थे। सुप्रीम कोर्ट के कहने पर भी आयोग ने पहले रुख नहीं बदला था। लेकिन इस हफ्ते अदालत ने आदेश दिया कि बिहार SIR के लिए आधार को स्वीकार किया जाए।

चुनाव आयोग ने बयान में कहा, “आयोग ने सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में SIR अभ्यास की तैयारी की समीक्षा की। बिहार के CEO द्वारा अपनाई गई रणनीतियों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर प्रस्तुति दी गई ताकि अन्य राज्य उनसे सीख ले सकें।”

सभी राज्य अपनी मतदाता सूची तैयार रखें
मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे अपने राज्यों की मतदाता सूचियां तैयार रखें। कुछ राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने पिछली एसआईआर के बाद प्रकाशित मतदाता सूची को अपनी वेबसाइटों पर पहले ही डाल दिया है। सम्मेलन में आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने एसआईआर को लेकर तैयार नीति के बारे में मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और अन्य अधिकारियों को विस्तृत जानकारी दी। एसआईआर की तैयारियों की समीक्षा के मद्देनजर डीईओ, ईआरओ, एईआरओ, बीएलओ, बीएलए की नियुक्ति और प्रशिक्षण की स्थिति की समीक्षा की।

Himanshu Jha

लेखक के बारे में

Himanshu Jha
कंप्यूटर साइंस में पोस्ट ग्रैजुएट हिमांशु शेखर झा करीब 9 वर्षों से बतौर डिजिटल मीडिया पत्रकार अपनी सेवा दे रहे हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश के अलावा राष्ट्रीय राजनीति पर अच्छी पकड़ है। दिसंबर 2019 में लाइव हिन्दुस्तान के साथ जुड़े। इससे पहले दैनिक भास्कर, न्यूज-18 और जी न्यूज जैसे मीडिया हाउस में भी काम कर चुके हैं। हिमांशु बिहार के दरभंगा जिला के निवासी हैं। और पढ़ें
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