
7 प्लेन गिरे थे..., भारत और पाकिस्तान पर क्या बोले डोनाल्ड ट्रंप; फिर पुराना राग अलापा
संक्षेप: डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर शुल्क दोगुना कर 50 प्रतिशत कर दिया है, जिसमें भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद के लिए 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है। भारत ने साफ किया है कि उसे रूसी तेल की खरीद के चलते अमेरिका और यूरोपीय संघ की तरफ से निशाना बनाया जा रहा है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर भारत-पाकिस्तान में शांति स्थापित करने का राग अलापा है। इस बार उन्होंने कहा है कि टैरिफ की मदद से ही संघर्ष को खत्म कराया जा सका है। भारत ने साफ कर चुका है कि संघर्ष विराम का फैसला द्विपक्षीय था। पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद 7 मई को भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान में करीब 4 दिनों तक संघर्ष चला। बाद में पाकिस्तान के डीजीएमओ के अनुरोध पर सीजफायर किया गया था।

ट्रंप ने कहा, 'अगर मेरे पास टैरिफ की ताकत नहीं होती, तो 7 में से कम से कम 4 युद्ध चल रहे होते...। अगर आप भारत और पाकिस्तान के मामले में देखें, तो वो इस ओर जाने ही वाले थे। 7 विमान गिरा दिए गए थे।' उन्होंने कहा कि टैरिफ ने अमेरिका को सिर्फ आर्थिक फायदा ही नहीं दिया है, बल्कि शांति स्थापित करने में भी मदद की है। उन्होंने कहा, 'मैं वह एकदम नहीं कहना चाहता, जो मैंने कहा था, लेकिन मैंने जो कहा था वह बहुत असरदार था...। हम न सिर्फ अरबों डॉलर कमा रहे हैं, बल्कि टैरिफ की वजह से शांति स्थापित करने वाले भी बने हैं।'
भारत पर ट्रंप का टैरिफ अटैक
ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर शुल्क दोगुना कर 50 प्रतिशत कर दिया है, जिसमें भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद के लिए 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है। भारत ने साफ किया है कि उसे रूसी तेल की खरीद के चलते अमेरिका और यूरोपीय संघ की तरफ से निशाना बनाया जा रहा है।
जल्दी समझौते की उम्मीद
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने सोमवार को भरोसा जताया कि भारत और अमेरिका के बीच जल्द ही एक व्यापार समझौता हो जाएगा। उन्होंने कहा कि दोनों देश पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए प्रतिबद्ध हैं। सुब्रह्मण्यम ने यह भी कहा कि भारत को शुल्क और गैर-शुल्क बाधाओं को कम करना चाहिए और विनिर्माण क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने के लिए अपने बाजारों को खोलना चाहिए।
उन्होंने यहां तिमाही आधार पर व्यापार विश्लेषण पर जारी रिपोर्ट (ट्रेड वॉच क्वार्टरली) जारी करते हुए संवाददाताओं से कहा, 'अच्छी बात यह है कि दोनों पक्ष अभी भी एक व्यापार समझौते के लिए प्रतिबद्ध हैं। पिछले महीने बातचीत हुई थी, इसलिए मुझे लगता है कि दोनों पक्षों को उम्मीद है।'





