
टीडीपी विधायक बालकृष्ण ने जगन मोहन रेड्डी को बताया साइको, विधानसभा में मचा भारी हंगामा
संक्षेप: बालकृष्ण की टिप्पणी से वाईएसआरसीपी खेमे में तुरंत आक्रोश फैल गया। पार्टी नेताओं ने इसकी कड़ी निंदा की और इसे शर्मनाक बताया। YSRCP के सीनियर नेताओं ने बालकृष्ण के शिष्टाचार और मानसिक स्थिरता पर सवाल उठाते हुए तीखा पलटवार किया।
टीडीपी विधायक और एक्टर नंदमुरी बालकृष्ण ने पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी को साइको करार दिया, जिसे लेकर आंध्र प्रदेश विधानसभा में भारी हंगामा हुआ। दरअसल, बीजेपी विधायक कामिनेनी श्रीनिवास ने बहस के दौरान पूर्व वाईएसआरसीपी सरकार पर तेलुगु फिल्म उद्योग की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि फिल्म हस्तियों ने जगन के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान उनसे मिलने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने दावा किया कि मेगास्टार चिरंजीवी के हस्तक्षेप के बाद ही जगन ने उद्योग के प्रतिनिधियों से बात करने के लिए सहमति जताई। बालकृष्ण ने श्रीनिवास के भाषण में हस्तक्षेप किया और जगन को साइको करार दिया।
बालकृष्ण की टिप्पणी से वाईएसआरसीपी खेमे में तुरंत आक्रोश फैल गया। पार्टी नेताओं ने इसकी कड़ी निंदा की और इसे शर्मनाक बताया। YSRCP के सीनियर नेताओं ने बालकृष्ण के शिष्टाचार और मानसिक स्थिरता पर सवाल उठाते हुए तीखा पलटवार किया। एक नेता ने जवाब दिया, 'विधानसभा कोई फिल्म सेट नहीं है, जहां फिल्मी डायलॉग बोले जाएं।' पूर्व मंत्री परनी वेंकटरमैया उर्फ नानी ने उन उदाहरणों को याद किया, जब जगन ने बालकृष्ण को व्यक्तिगत समर्थन दिया था। नानी ने बताया कि फिल्म अखंड की रिलीज से पहले बालकृष्ण ने तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन से मुलाकात की मांग की थी।
बयान को लेकर गरमाई राजनीति
नानी के अनुसार, जगन ने न केवल मुलाकात के लिए सहमति दी बल्कि अधिकारियों को अभिनेता को पूरा सहयोग देने का निर्देश भी दिया। उन्होंने यह भी बताया कि बालकृष्ण के निवास पर गोलीबारी की घटना के दौरान जगन ने चिंता दिखाई और सहायता प्रदान की। साथ ही बालकृष्ण से जुड़े बसवतारकम ट्रस्ट के लंबित बिलों को बिना देरी के मंजूरी दी गई। नानी ने सवाल किया, 'ऐसी उदारता को क्यों भूल गए? क्या राजनीतिक लाभ सभ्यता से ज्यादा अहम है?' इस बढ़ते विवाद में अभिनेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चिरंजीवी भी कूद पड़े। उन्होंने कहा कि जब उद्योग के हितधारकों ने बढ़ती उत्पादन लागत और कठोर टिकट मूल्य निर्धारण के मुद्दों को लेकर उनसे संपर्क किया, तब उन्होंने व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप किया था।





