Hindi NewsIndia NewsDharmasthala secret burials case Why SIT defers inspection of whistleblower 13th site
धर्मस्थल का राज गहराया, 13वीं जगह की जांच टली; यहीं सबसे ज्यादा लाशें दफनाने का दावा

धर्मस्थल का राज गहराया, 13वीं जगह की जांच टली; यहीं सबसे ज्यादा लाशें दफनाने का दावा

संक्षेप: धर्मस्थल मामला कर्नाटक में एक गंभीर मुद्दा बन गया है। SIT की जांच अब और गहराई ले रही है, और 13वें स्थल की जांच के परिणाम इस मामले में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। देशभर में लोग इस जांच के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं।

Fri, 8 Aug 2025 09:54 PMAmit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, बेंगलुरु
share Share
Follow Us on

कर्नाटक के प्रसिद्ध धर्मस्थल में कथित गुप्त दफन मामले की जांच में एक नया मोड़ आया है। विशेष जांच दल (SIT) ने गुरुवार को व्हिसलब्लोअर यानी मुखबिर द्वारा बताए गए 13वें स्थल पर खुदाई करने की योजना बनाई थी। लेकिन इसे टाल दिया गया। इसी जगह पर सबसे अधिक शवों को गुप्त रूप से दफनाए जाने का दावा किया गया है। यह स्थल नेत्रावती नदी के पास स्थित स्नान घाट के बगल में है। उम्मीद थी कि SIT गुरुवार को इस जगह की खुदाई करेगी, लेकिन बुधवार को यूट्यूबर्स और कुछ स्थानीय निवासियों के बीच हुए टकराव के बाद तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए जांच टाल दी गई।

LiveHindustan को अपना पसंदीदा Google न्यूज़ सोर्स बनाएं – यहां क्लिक करें।

पिछले मंगलवार से अब तक SIT ने आठ दिनों की जांच में दो कंकालों के अवशेष बरामद किए हैं। अब यह अंतिम 13वां स्थान बचा है, जहां से सबसे अधिक शवों के दफन होने की संभावना जताई जा रही है। कुछ वकीलों के मुताबिक, इसी जगह सबसे अधिक गुप्त दफन किए गए थे। यह स्थल चेक डैम के दक्षिणी छोर पर स्थित है, जो अजेकारी गांव की ओर जाने वाली सड़क के पास है। पास में ही वह स्नान घाट भी है जहां तीर्थयात्री नियमित रूप से डुबकी लगाने आते हैं।

जांच में एक और मुश्किल यह है कि स्थल के ऊपर से बिजली की लाइन भी गुजरती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह स्थान 2019 की विनाशकारी बाढ़ में जलमग्न हो गया था, और बाद में बिजली लाइन निर्माण के लिए यहां मिट्टी भी डाली गई थी। इन परिस्थितियों को देखते हुए SIT यहां ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (GPR) तकनीक का इस्तेमाल कर अवशेषों की तलाश करने पर विचार कर रही है।

गुरुवार को पुलिस ने धर्मस्थल और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी। यह कदम यूट्यूबर्स पर हुए हमले और मामले की रिपोर्टिंग में धर्मस्थल की ‘नकारात्मक छवि पेश करने’ के आरोपों के चलते उठाया गया। इसी हमले में घायल पांच यूट्यूबर्स का इलाज उजिरे के एक अस्पताल में चल रहा है, जहां एक कन्नड़ टीवी चैनल के रिपोर्टर पर भी हमला किया गया।

दक्षिण कन्नड़ पुलिस ने इन हमलों और धर्मस्थल थाने के सामने बिना अनुमति किए गए विरोध प्रदर्शन को लेकर सात एफआईआर दर्ज की हैं। गौरतलब है कि इस सनसनीखेज मामले में व्हिसलब्लोअर का दावा है कि दफन किए गए शव यौन शोषण की शिकार पीड़िताओं के हो सकते हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्यभर में इसे लेकर जनचर्चा और मीडिया कवरेज तेज हो गई है।

क्या है पूरा मामला?

धर्मस्थल गुप्त दफन मामला तब सुर्खियों में आया जब एक पूर्व सफाईकर्मी ने दावा किया कि उसने 1998 से 2014 के बीच दबाव में कई शवों को धर्मस्थल में गुप्त रूप से दफनाया था। इस कर्मी ने 13 स्थानों की पहचान की, जहां कथित तौर पर शव दफनाए गए थे। इनमें से 12 स्थलों की जांच पिछले मंगलवार से शुरू हो चुकी है, और अब तक SIT को कुछ स्थानों पर हड्डियों के टुकड़े मिले हैं।

13वें स्थल की जांच में देरी

13वां स्थल सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। व्हिसलब्लोअर के अनुसार, इस स्थल पर सबसे अधिक शव दफनाए गए हैं। हालांकि, इस स्थल के पास बिजली की लाइन और 2019 की बाढ़ के कारण जमा हुई मिट्टी ने जांच को और जटिल बना दिया है। SIT अब इस क्षेत्र में ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार का उपयोग करने पर विचार कर रही है ताकि हड्डियों या अन्य अवशेषों का पता लगाया जा सके।

व्हिसलब्लोअर का दावा

व्हिसलब्लोअर 1995 से 2014 तक धर्मस्थल में स्वच्छता कर्मी के रूप में कार्यरत था। उसने दावा किया है कि उसे सैकड़ों शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया, जिनमें से कई महिलाएं और नाबालिग थे, और कुछ शवों पर यौन उत्पीड़न और हिंसा के निशान थे। उसने यह भी बताया कि उसने 2014 में अपनी नाबालिग रिश्तेदार के साथ यौन उत्पीड़न की घटना के बाद धर्मस्थल छोड़ दिया था। उसने अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए गवाह संरक्षण योजना के तहत संरक्षण मांगा है।

सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस मामले ने व्यापक सामाजिक और राजनीतिक हलचल पैदा की है। कर्नाटक सरकार ने 19 जुलाई को DGP प्रोनब मोहंती के नेतृत्व में SIT का गठन किया, जिसमें DIG एम.एन. अनुचेत, IPS अधिकारी सौम्यलता और जितेंद्र कुमार दयामा शामिल हैं। धर्मस्थल मंदिर प्रशासन ने SIT जांच का स्वागत किया है और "निष्पक्ष और पारदर्शी" जांच की मांग की है।

Amit Kumar

लेखक के बारे में

Amit Kumar
अमित कुमार एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में नौ वर्षों से अधिक का अनुभव है। वर्तमान में वह लाइव हिन्दुस्तान में डिप्टी चीफ कंटेंट प्रोड्यूसर के रूप में कार्यरत हैं। हिन्दुस्तान डिजिटल के साथ जुड़ने से पहले अमित ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम किया है। अमित ने अपने करियर की शुरुआत अमर उजाला (डिजिटल) से की। इसके अलावा उन्होंने वन इंडिया, इंडिया टीवी और जी न्यूज जैसे मीडिया हाउस में काम किया है, जहां उन्होंने न्यूज रिपोर्टिंग व कंटेंट क्रिएशन में अपनी स्किल्स को निखारा। अमित ने भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC), दिल्ली से हिंदी जर्नलिज्म में पीजी डिप्लोमा और गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी, हिसार से मास कम्युनिकेशन में मास्टर (MA) किया है। अपने पूरे करियर के दौरान, अमित ने डिजिटल मीडिया में विभिन्न बीट्स पर काम किया है। अमित की एक्सपर्टीज पॉलिटिक्स, इंटरनेशनल, स्पोर्ट्स जर्नलिज्म, इंटरनेट रिपोर्टिंग और मल्टीमीडिया स्टोरीटेलिंग सहित विभिन्न क्षेत्रों में फैली हुई है। अमित नई मीडिया तकनीकों और पत्रकारिता पर उनके प्रभाव को लेकर काफी जुनूनी हैं। और पढ़ें
इंडिया न्यूज़ , विधानसभा चुनाव और आज का मौसम से जुड़ी ताजा खबरें हिंदी में | लेटेस्ट Hindi News, बॉलीवुड न्यूज , बिजनेस न्यूज , क्रिकेट न्यूज पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।