समंदर में गूंजेगी भारत की दहाड़, रक्षा मंत्रालय ने दी अनोखे जहाजों के लिए 2500 करोड़ की मंजूरी; दुश्मनों की उड़ेगी नींद
- रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में भारतीय नौसेना के लिए 100 टन वजनी मानवरहित पनडुब्बी जैसी पानी के नीचे काम करने वाली जहाजों के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
भारत अपनी सैन्य क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए लगातार नए कदम उठा रहा है। इसी सिलसिले में रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में भारतीय नौसेना के लिए 100 टन वजनी मानवरहित पनडुब्बी जैसी पानी के नीचे काम करने वाली जहाजों के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। यह प्रोजेक्ट 2,500 करोड़ रुपये से अधिक का होगा और इसका मुख्य उद्देश्य दुश्मन की पनडुब्बियों और सतह पर चलने वाले जहाजों पर हमला करने की क्षमता विकसित करना है।
रक्षा सूत्रों के अनुसार, यह परियोजना उच्च स्तरीय बैठक में स्वीकृत की गई है और इसका निर्माण भारतीय शिपयार्ड्स द्वारा किया जाएगा, जिससे आत्मनिर्भर भारत के तहत नौसेना को नई तकनीक मिलेगी। इन मानवरहित जहाजों का वजन 100 टन से अधिक होगा और यह दुश्मन की पनडुब्बियों के खिलाफ सटीक हमले करने की क्षमता से लैस होंगे। इसके अलावा, यह जहाज समुद्री निगरानी, बारूदी सुरंग बिछाने और हटाने, और हथियार लॉन्च करने जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यों में भी सक्षम होंगे।
पूर्व नौसेना उप प्रमुख, वाइस एडमिरल एसएन घोरमाडे ने कहा कि यह नई तकनीक नौसेना को पानी के नीचे के युद्ध में एक महत्वपूर्ण बढ़त दिलाएगी। इसके जरिए नौसेना दूरस्थ इलाकों में लंबे समय तक समुद्र के भीतर रहकर संदिग्ध जहाजों की निगरानी कर सकेगी और देश के हितों की सुरक्षा कर सकेगी।
भारतीय नौसेना अपने भविष्य के युद्ध के लिए खुद को तैयार करने में लगी है और इस दिशा में मानवरहित जहाजों की क्षमता को बढ़ावा दे रही है। नौसेना पहले से ही लंबी दूरी की निगरानी करने वाले ड्रोन जैसे एमक्यू-9बी और दृष्टि हेमीज 900 का उपयोग कर रही है, जो भारतीय सैन्य बलों की ताकत को और बढ़ाने में मदद करेंगे। इस परियोजना पर काम जल्द ही शुरू होगा और आने वाले महीनों में इसके लिए टेंडर जारी किया जाएगा।
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