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कफ सिरप पीने से कैसे हुई मौत? CDSCO ने 6 राज्यों में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स की शुरू की जांच

कफ सिरप पीने से कैसे हुई मौत? CDSCO ने 6 राज्यों में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स की शुरू की जांच

संक्षेप: स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान, सीडीएससीओ और एम्स-नागपुर के विशेषज्ञों की टीम बनाई गई है।

Sun, 5 Oct 2025 08:06 AMNiteesh Kumar भाषा
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मध्य प्रदेश और राजस्थान में खतरनाक कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत का मामला गरमाया हुआ है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने 6 राज्यों में खांसी की दवा एंटीपाइरेटिक्स और एंटीबायोटिक समेत 19 दवाओं की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की जांच शुरू की है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि ये इकाइयां हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में हैं, जहां विभिन्न दवाओं के 19 सैंपल बनाए गए। मंत्रालय ने कहा कि सीडीएससीओ ने 3 अक्टूबर को यह निरीक्षण शुरू किया, जिसका उद्देश्य उन कमियों की पहचान करना है जिनके कारण दवा की गुणवत्ता में कमी आई है। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए प्रक्रिया में सुधार का सुझाव देना मकसद है।

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान, सीडीएससीओ और एम्स-नागपुर के विशेषज्ञों की टीम बनाई गई है। ये लोग मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और उसके आसपास के इलाकों में हुई मौतों के कारणों का आकलन करने के लिए विभिन्न नमूनों और कारकों का अब भी विश्लेषण कर रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सीडीएससीओ की ओर से जांचे गए 6 दवा के सैंपल और मध्य प्रदेश खाद्य एवं औषधि प्रशासन की ओर से जांचे गए 3 नमूने डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल से मुक्त पाए गए, जो किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए जाने जाते हैं।

अब तक जांच में क्या आया सामने

मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि सीडीएससीओ की ओर से अब तक जिन सैंपल्स की जांच की गई है, वे 2 संदिग्ध कफ सिरप के नहीं थे। इनमें से एक कोल्ड्रिफ है जो मौतों के बाद से जांच के दायरे में है। एक सूत्र ने बताया, ‘सीडीएससीओ की ओर से जांचे गए 6 दवा के नमूनों में डीईजी/ईजी की मौजूदगी नहीं पाई गई। ये सैंपल एंटीबायोटिक्स, एंटीपायरेटिक्स और ओंडान्सेट्रॉन समेत अन्य दवाओं और सिरप के थे, जिनका सेवन मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बीमार पड़े बच्चों ने किया था। मध्य प्रदेश राज्य औषधि प्रशासन की ओर से कोल्ड्रिफ और अन्य संदिग्ध कफ सिरप के नमूनों का विश्लेषण अब भी जारी है। मध्य प्रदेश सरकार की अपील पर तमिलनाडु खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मा से एकत्रित कोल्ड्रिफ कफ सिरप के नमूनों का परीक्षण किया। इनमें डीईजी की मात्रा स्वीकार्य सीमा से अधिक थी। इसके बाद, तमिलनाडु सरकार ने कफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया और इसे बाजार से हटाने का आदेश दिया।

Niteesh Kumar

लेखक के बारे में

Niteesh Kumar
नीतीश 7 साल से अधिक समय से मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। जनसत्ता डिजिटल से बतौर कंटेंट प्रोड्यूसर शुरुआत हुई। लाइव हिन्दुस्तान से जुड़ने से पहले टीवी9 भारतवर्ष और दैनिक भास्कर डिजिटल में भी काम कर चुके हैं। खबरें लिखने के साथ ग्राउंड रिपोर्टिंग का शौक है। लाइव हिन्दुस्तान यूट्यूब चैनल के लिए लोकसभा चुनाव 2024 की कवरेज कर चुके हैं। पत्रकारिता का पढ़ाई IIMC, दिल्ली (2016-17 बैच) से हुई। इससे पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी के महाराजा अग्रसेन कॉलेज से ग्रैजुएशन किया। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के रहने वाले हैं। राजनीति, खेल के साथ सिनेमा में भी दिलचस्पी रखते हैं। और पढ़ें
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