Hindi NewsIndia NewsControversy erupted over theft of gold from kerala Sabarimala temple Vijay Mallya name also being linked to it
सबरीमाला मंदिर के सोने पर क्या है विवाद, विजय माल्या का भी जुड़ गया है नाम

सबरीमाला मंदिर के सोने पर क्या है विवाद, विजय माल्या का भी जुड़ गया है नाम

संक्षेप: Sabarimala temple: विजय माल्या ने साल 1998 में अयप्पा मंदिर के गर्भगृह और लकड़ी की नक्काशी के लिए 30.3 किलो सोना और 1900 किलो तांबा दान किया था। केरल हाई कोर्ट की समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई है कि दान में आए इस सोने की परत का वजन काफी कम हो गया है।

Sat, 11 Oct 2025 07:38 PMUpendra Thapak लाइव हिन्दुस्तान
share Share
Follow Us on

सबरीमाला मंदिर में कथित सोने की चोरी के मामले ने केरल में राजनीतिक और धार्मिक गलियारों में हलचल तेज कर दी है। इस विवाद के केंद्र में है सबरीमाला में भगवान अयप्पा मंदिर के द्वारपालक मूर्तियों पर चढ़ाई गई सोने की परत,जिसे लेकर यह खुलासा हुआ है कि इसका वजन चढ़ाई गई परत के मुकाबले काफी कम हो गया है। सोने की चोरी की सतर्कता जांच से शुरु हुआ यह मामला अब कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग को जन्म दे चुका है। इस मामले में शराब कारोबारी विजय माल्या का नाम इसलिए सामने आ रहा है क्योंकि जिस सोने की चोरी की बात सामने आ रही है, वह 30.3 किलोग्राम सोना विजय माल्या ने ही 1998 में दान दिया था।

LiveHindustan को अपना पसंदीदा Google न्यूज़ सोर्स बनाएं – यहां क्लिक करें।

केरल हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच करने के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हई हैं कि क्या यह टीम इस बात का खुलासा कर पाएगी कि आखिर इतना सोना आखिर कैसे गायब हो गया। सबसे बड़ा सवाल यही है कि राज्य के इतिहास के सबसे बड़े मंदिर प्रबंधन घोटालों में से एक कहे जा रहे इस घोटाले के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है।

क्या है पूरा विवाद?

यह विवाद सरकार द्वारा भगोड़ा घोषित उद्योगपति विजय माल्या से जुड़ा हुआ है। दरअसल, विजय माल्या ने साल 1998 में अयप्पा मंदिर के गर्भगृह और लकड़ी की नक्काशी के लिए 30.3 किलो सोना और 1900 किलो तांबा दान किया था। केरल हाई कोर्ट की समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई है कि दान में आए इस सोने की जो परत चढ़ाई गई थी उसका वजन समय के साथ-साथ काफी कम हो गया है। इस बात के सामने आते ही त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) में चोरी और भ्रष्टाचार का संदेह पैदा हो गया।

इस मामले को बढ़ता देख टीडीबी के अध्यक्ष पीएस प्रशांत ने कहा कि बोर्ड की विजिलेंस टीम ने इस मामले की जांच की है। इसमें 9 अधिकारियों की और से चूक पाई गई थी। इसमें से एक टीडीबी के डिप्टी कमिश्नर बी मुरारी बाबू के खिलाफ कार्रवाई करने की गई है। उन्होंने कहा, "विजिलेंस ने इस चूक में 9 अधिकारियों की पहचान की है। बाबू के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। बाकी शेष अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है यह 14 अक्तूबर को होने वाली बोर्ड बैठक में तय किया जाएगा।

प्रशांत के मुताबिक इनके अलावा टीडीबी के सेक्रेटरी जयश्री, कार्यकारी अधिकारी सुधीश, प्रशासनिक अधिकारी श्री कुमार और केएस बैजू के नाम भी लिए, इन पर कार्रवाई होने की संभावना है। प्रशांत ने आगे कहा कि प्रक्रियागत खामियाँ तब हुईं जब तिरुवभरणम आयुक्त की निगरानी में 2019 के आदेश का पालन किए बिना प्रायोजक उन्नीकृष्णन पोट्टी को सोने की प्लेटें सौंप दी गईं। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक प्रशांत ने मौजूदा बोर्ड का बचाव करते हुए कहा कि मौजूदा बोर्ड का इससे कोई लेना देना नहीं है। फिर भी उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं।

केरल की विजयन सरकार पर विपक्ष हमलावर

इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और भाजपा एक तरफ आते हुए नजर आ रहे हैं। कांग्रेस ने इस पूरे मामले की सीबाआई जांच की मांग की है। पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने केरल सरकार और टीडीबी पर "घटना को छिपाने" का आरोप लगाया और अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग की।

वेणुगोपाल ने कहा, "सबरीमाला भारत में सभी के लिए एक पवित्र मंदिर है। यह स्पष्ट है कि केरल सरकार और देवस्वोम बोर्ड इस घटना को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। अदालत की निगरानी में केवल सीबीआई जांच ही असली दोषियों का पता लगा सकती है।"

विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और मांग की कि देवस्वोम मंत्री वीएन वासवन और टीडीबी अधिकारियों को मामले में आरोपी बनाया जाए। उन्होंने कहा, “जिन लोगों ने द्वारपालक की मूर्तियों को करोड़पतियों को बेचा और जिन्होंने उनका समर्थन किया, उन्हें कानून के सामने लाया जाना चाहिए।” उन्होंने आगे दावा किया कि भगवान अयप्पा के स्वर्ण दंड और रुद्राक्ष की माला को भी गलत तरीके से संभाला गया और टीडीबी के एक पूर्व अध्यक्ष के बेटे को मरम्मत के लिए दे दिया गया।

कांग्रेस की तरफ से किए जा रहे तीखे हमलों के बीच भाजपा भी पीछे नहीं रही। भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन ने सत्तारूढ़ वामपंथी सरकार पर कड़ा हमला बोलते हुए इस घोटाले को "दिनदहाड़े डकैती" करार दिया है। उन्होंने कहा, “उच्च न्यायालय को देवस्वओम बोर्ड या सरकार पर भरोसा नहीं है। देवस्वओम मंत्री अभी भी अपनी कुर्सी से क्यों चिपके हुए हैं? यह दिनदहाड़े डकैती है।”

किसी भी तरह की जांच का सामना करने को तैयार: टीडीबी के पूर्व अध्यक्ष

पक्ष-विपक्ष के हंगामे के बीच मंदिर के मुख्य पुजारी और टीडीबी के पूर्व पदाधिकारियों का बयान भी सामने आया है। मंदिर के मुख्य पुजारी तंत्री कंदारारू राजीवारू ने अदालत द्वारा आदेशित जाँच का स्वागत किया। उन्होंने कहा, "यह श्रद्धालुओं के लिए बहुत दुखद है। जाँच होनी चाहिए। मुझे अदालत पर पूरा भरोसा है।"

टीडीबी के पूर्व अध्यक्ष ए. पद्मकुमार ने आरोपों को गंभीर बताया और कहा कि वह किसी भी जाँच का सामना करने के लिए तैयार हैं। पद्मकुमार ने कहा, "अगर पोट्टी चोरी में शामिल है, तो उसे और उससे जुड़े अधिकारियों को दंडित किया जाना चाहिए। अगर मेरी ओर से कोई गलती हुई है, तो मैं कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार हूँ।"

आपको बता दें केरल हाईकोर्ट ने सबरीमाला में कथित सोने की चोरी की जाँच के लिए एक विशेष जाँच दल (एसआईटी) को आदेश दिया है। अदालत ने निर्देश दिया कि जाँच छह सप्ताह के भीतर पूरी की जाए। जाँच पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी और एसआईटी को सीलबंद लिफाफे में सीधे अदालत को रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।

Upendra Thapak

लेखक के बारे में

Upendra Thapak
उपेन्द्र पिछले कुछ समय से लाइव हिन्दुस्तान के साथ बतौर ट्रेनी कंटेंट प्रोड्यूसर जुड़े हुए हैं। पत्रकारिता की पढ़ाई भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली (2023-24 बैच) से पूरी की है। इससे पहले भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से अपना ग्रैजुएशन पूरा किया। मूल रूप से मध्यप्रदेश के भिंड जिले के रहने वाले हैं। अंतर्राष्ट्रीय संबंधों, राजनीति के साथ-साथ खेलों में भी दिलचस्पी रखते हैं। और पढ़ें
इंडिया न्यूज़ , विधानसभा चुनाव और आज का मौसम से जुड़ी ताजा खबरें हिंदी में | लेटेस्ट Hindi News, बॉलीवुड न्यूज , बिजनेस न्यूज , क्रिकेट न्यूज पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।