Control Chittagong Port Pradyot Debbarma explains how Greater Tipraland will be Created चटगांव बंदरगाह पर करो कब्जा; प्रद्योत देबबर्मा ने बताया, कैसे बनेगा ग्रेटर टिपरालैंड, India News in Hindi - Hindustan
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चटगांव बंदरगाह पर करो कब्जा; प्रद्योत देबबर्मा ने बताया, कैसे बनेगा ग्रेटर टिपरालैंड

ग्रेटर टिपरालैंड के अपने दृष्टिकोण पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि ग्रेटर टिपरालैंड तब बनेगा जब हम सब मिलकर पाकिस्तान और बांग्लादेश को मिलाकर चटगांव हिल ट्रैक हासिल करेंगे और अपनी पुरानी जमीन वापस पाएंगे।

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 18 Sep 2025 09:26 PM
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चटगांव बंदरगाह पर करो कब्जा; प्रद्योत देबबर्मा ने बताया, कैसे बनेगा ग्रेटर टिपरालैंड

टिपरा मोथा पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देबबर्मा ने भारत को चंटगांव पर कब्जा कर पुरानी जमीन वापस लेने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि कृत्रिम सीमाएं बनाई गई हैं और अगर तुरंत राजनीतिक सीमा नहीं बनाई जा सकती, तो सांस्कृतिक सीमा बनाई जानी चाहिए। न्यूज एजेंसी 'एएनआई' के साथ एक इंटरव्यू में, प्रद्योत देबबर्मा ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस की अप्रैल में की गई उस टिप्पणी का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने पूर्वोत्तर भारत को 'भूमि से घिरा' बताया था और कहा कि उन्हें गलत साबित करने की जरूरत है और चंटगांव बंदरगाह हमारी आर्थिक उत्तरजीविता के लिए जरूरी है।

त्रिपुरा के पूर्व शाही परिवार के वंशज, प्रद्योत देबबर्मा ने 1947 में पाकिस्तान द्वारा अशांति पैदा करने की कोशिशों और त्रिपुरा द्वारा भारत के साथ विलय के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने को भी याद किया। ग्रेटर टिपरालैंड के अपने दृष्टिकोण पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा, "ग्रेटर टिपरालैंड तब बनेगा जब हम सब मिलकर पाकिस्तान और बांग्लादेश को मिलाकर चटगांव हिल ट्रैक हासिल करेंगे और अपनी पुरानी जमीन वापस पाएंगे। ये कृत्रिम सीमाएं बनाई गई हैं। वहां लोग रहते हैं, हमारे लोग उस तरफ रहते हैं। राजनीतिक सीमा मत बनाइए, सांस्कृतिक सीमा बनाइए। यूरोप क्या है? आप पूर्वी तिमोर बनाएं। आप एक मित्र देश बनाएं। क्योंकि दूसरी तरफ हमारे लोग यही चाहते हैं। भारत के पास भूटान जैसा एक मित्र देश होगा।"

उन्होंने आगे कहा, "...आप जनमत संग्रह के बारे में सोचते हैं? आप यूक्रेन के बारे में सोचते हैं, जहां जनमत संग्रह हुआ? जनमत संग्रह जैसी कोई चीज नहीं होती। अगर पश्चिम चाहेगा, तो यह होगा...क्या शेख हसीना को सत्ता से हटाने के लिए जनमत संग्रह हुआ था? शासन परिवर्तन बहुत स्पष्ट हैं। यह होता है। एक डीप स्टेट है जो काम करता है। एक डीप स्टेट था जिसने 60 और 70 के दशक में एक निश्चित मात्रा में अशांति पैदा करने के लिए पश्चिम से पूर्वोत्तर में काम किया था। रॉ और आईबी आपको इसके बारे में भी बताएंगे। यह संभव है। मैं बस यही कह रहा हूं कि यह संभव है।"

प्रद्योत देबबर्मा ने भारत के पड़ोस की कुछ अन्य समस्याओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ''हमें एक मजबूत नेतृत्व की जरूरत है और हमें एक ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो इस क्षेत्र, इस गलियारे पर 20 साल बाद भी ध्यान दे। बर्मा में भी कचिन सेना के साथ कुछ हो रहा है... अराकान सेना मुश्किल में है। रोहिंग्या समस्या है। इसमें बहुत कुछ हो रहा है। सब हमारे पड़ोस में। और मणिपुर में क्या हो रहा है? म्यांमार से लोग आ रहे हैं। आरोप है कि लोग म्यांमार से आ रहे हैं। ये सब एक व्यापक भू-राजनीति का हिस्सा है जो चल रही है। हम राजनीति कर रहे हैं। आपको एक मजबूत हाथ की जरूरत है।''

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