
हिम्मत हैं तो बताएं, बिहार में SIR पर कांग्रेस ने चुनाव आयोग को दे दी चुनौती
संक्षेप: कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि चुनाव आयोग की हिम्मत नहीं है कि वह बता दे कि बिहार में कितने लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए हैं जो कि भारत के नागरिक नहीं हैं।
कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में चलाई गई मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया पूर्णता, समानता और सटीकता के मोर्चों पर विफल रही है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि आयोग के पास देश को यह बताने की ईमानदारी या साहस नहीं है कि बिहार में कितने ऐसे लोगों के नाम हटाए गए हैं जो भारत के नागरिक नहीं हैं।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया था कि मृत्यु होने, भारतीय नागरिक नहीं होने, प्रवासन और नाम के दोहराव के कारण बिहार की मतदाता सूची से 69 लाख नाम हटाए गए। हालांकि उन्होंने इनके अलग-अलग आंकड़े उपलब्ध नहीं कराए। रमेश ने एक लेख साझा करते हुए 'एक्स' पर पोस्ट किया, "बिहार में एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज फिर शुरू हो रही है। इस बेहतरीन विश्लेषण से पता चलता है कि निर्वाचन आयोग द्वारा चलाए गए पूरे एसआईआर अभ्यास पूर्णता, समानता और सटीकता... इन तीनों मोर्चों पर विफल रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "जो लोग देश के नागरिक नहीं हैं, उनका नाम मतदाता सूची से हटाने के लिए एसआईआर की आवश्यकता के बारे में बहुत कुछ कहा गया था। आयोग के पास देश को यह बताने की ईमानदारी या साहस नहीं है कि बिहार में कितने ऐसे लोगों के नाम हटाए गए हैं जो भारत के नागरिक नहीं हैं।"
रमेश के अनुसार, यदि आयोग ने ऐसा किया होता, तो यह पहले से भी अधिक उजागर हो गया होता। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट एसआईआर मामले में सुनवाई भी करने वाला है। इससे पहले 8 सितंबर को कोर्ट ने कहा था कि चुनाव आयोग वोटर लिस्ट में नाम शामिल करने के लिए आधार कार्ड और 12वीं के प्रमाणपत्र को भी माने। वहीं चुनाव आयोग का कहना है कि 22 साल के बाद वोटर लिस्ट में असली सुधार हुआ है। बता दें कि बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का भी ऐलान हो गया है। चुनाव 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में करवाया जाएगा और परिणाम 14 नवंबर को घोषित होंगे।





