Hindi Newsदेश न्यूज़Congress doubts Airtel and Jio friendship with Elon Musks Starlink raises questions on their entry into India

मस्क की स्टारलिंक से एयरटेल और जियो की दोस्ती पर कांग्रेस को शक, भारत में एंट्री पर उठाए सवाल

  • कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, '12 घंटों के भीतर एयरटेल और जियो दोनों ने स्टारलिंक के साथ साझेदारी की घोषणा की है, जबकि अब तक वे इसके भारत में आने को लेकर लगातार आपत्तियां जताते आ रहे थे।'

Nisarg Dixit भाषाThu, 13 March 2025 01:33 PM
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मस्क की स्टारलिंक से एयरटेल और जियो की दोस्ती पर कांग्रेस को शक, भारत में एंट्री पर उठाए सवाल

कांग्रेस ने भारतीय संचार कंपनियों एयरटेल और जियो द्वारा 'स्टारलिंक' (स्पेसएक्स) के साथ साझेदारी की घोषणा किए जाने का उल्लेख करते हुए गुरुवार को दावा किया कि ये करार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कराए गए हैं। कांग्रेस ने कहा कि ताकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सद्भाव हासिल किया जा सके।

रिलायंस इंडस्ट्रीज की डिजिटल सेवा कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड ने बुधवार को घोषणा की थी कि उसने भारत में अपने ग्राहकों को स्टारलिंक की ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क की स्पेसएक्स के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

यह समझौता स्पेसएक्स को भारत में स्टारलिंक की उपग्रह संचार-आधारित सेवाओं को बेचने के लिए मंजूरी हासिल करने के तहत है। इससे एक दिन पहले ही जियो की प्रतिद्वंद्वी भारती एयरटेल ने स्पेसएक्स के साथ इसी तरह के समझौते पर हस्ताक्षर किया है। स्पेसएक्स के मालिक अरबपति कारोबारी एलन मस्क हैं जो ट्रंप प्रशासन में प्रमुख भूमिका में हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, 'वस्तुतः 12 घंटों के भीतर एयरटेल और जियो दोनों ने स्टारलिंक के साथ साझेदारी की घोषणा की है, जबकि अब तक वे इसके भारत में आने को लेकर लगातार आपत्तियां जताते आ रहे थे।'

उन्होंने दावा किया कि यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि स्टारलिंक के मालिक एलन मस्क के माध्यम से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सद्भाव हासिल करने के मकसद से ये साझेदारियां किसी और ने नहीं, बल्कि स्वयं प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कराई गई हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा, 'लेकिन कई सवाल बाकी हैं। शायद सबसे महत्वपूर्ण सवाल राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित है। राष्ट्रीय सुरक्षा की मांग होने पर संचार को चालू या बंद करने की शक्ति किसके पास होगी? क्या यह स्टारलिंक या उसके भारतीय भागीदार होंगे? क्या अन्य उपग्रह-आधारित संचार प्रदाताओं को भी अनुमति दी जाएगी और अगर हां, तो किस आधार पर?'

रमेश ने कहा कि निश्चित रूप से भारत में 'टेस्ला' विनिर्माण का बहुत बड़ा प्रश्न बना हुआ है। उन्होंने सवाल किया, 'क्या अब इसके प्रति कोई प्रतिबद्धता है कि स्टारलिंक का भारत में प्रवेश सुगम हो गया है?'

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