Hindi NewsIndia NewsCongress bows to pressure from allies, took U tern on bill to remove Jailed PM-CM Ministers, will boycott JPC
साथी दलों के दबाव में झुकी कांग्रेस, PM-CM को हटाने वाले बिल पर लिया यू-टर्न; बिहार चुनाव से पहले क्यों?

साथी दलों के दबाव में झुकी कांग्रेस, PM-CM को हटाने वाले बिल पर लिया यू-टर्न; बिहार चुनाव से पहले क्यों?

संक्षेप: कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी इस बात के संकेत दिए थे कि कांग्रेस इंडिया गठबंधन के साथी दलों के बीच इस मुद्दे पर आम सहमति बनाने की कोशिश करेगी और मिलकर ही सामूहिक फैसला लेगी।

Tue, 30 Sep 2025 06:07 AMPramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली
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बिहार चुनाव से पहले विपक्षी एकता बनाने की कोशिश और इंडिया गठबंधन की एकजुटता का संदेश देने की कोशिशों के तहत मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने अपने पुराने रुख में बदलाव किया है। इसी कड़ी में कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के अंदर सभी साथी दलों के बीच आम सहमति बनाने की कोशिश में पीएम-सीएम को हटाने संबंधी 130वें संविधान संसशोधन बिल समेत कुल तीन विधेयकों पर बनी संयुक्त संसदीय समिति का बहिषाकार करने का फैसला किया है। यह वही बिल है, जिसमें प्रावधान किया गया है कि 30 दिनों की जेल की सज़ा काट रहे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को स्वतः बर्खास्त कर दिया जाएगा।

हालाँकि, कांग्रेस का यह फैसला तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आप और शिवसेना द्वारा जेपीसी के बहिष्कार की घोषणा के बाद आया है। दरअसल, कांग्रेस भ्रष्टाचार का ठप्पा लगाए जाने के डर से अब तक जेपीसी से बाहर रहने के फैसले से हिचकिचा रही थी। कांग्रेस के अलावा दूसरे प्रमुख विपक्षी दलों यानी डीएमके, एनसीपी और वाम दलों की भी JPC में भागीदारी भी संदिग्ध है। इससे इस बात की संभावना प्रबल हो गई है कि अब पूरा विपक्ष इस मुद्दे पर एकजुट हो गया है और जेपीसी का बहिष्कार करने जा रहा है। बता दें कि संसद के मॉनसून सत्र के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इन विधेयकों को संसद में पेश किया था, जिसे बाद में सदन ने संयुक्त संसदीय समिति को जांच के लिए भेज दिया था।

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कांग्रेस का क्या तर्क था?

कांग्रेस सूत्रों के हवाले से TOI की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पार्टी ने जेपीसी से दूर रहने का औपचारिक फैसला ले लिया है और जल्द ही लोकसभा अध्यक्ष को इस बारे में सूचित किया जाएगा। पहले कांग्रेस इस तर्क के साथ जेपीसी में शामिल होने को तैयार हुई थी कि सरकार को इस समिति में मनमानी करने की पूरी छूट नहीं दी जा सकती लेकिन इस विचार पर विपक्षी एकता भारी पड़ी और अब कांग्रेस ने उन चारों दलों का साथ देने का फैसला किया, जो पहले ही दिन से JPC का बहिष्कार कर रहे थे।

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केसी वेणुगोपाल ने दिए थे संकेत

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी इससे पहले इस बात के संकेत दिए थे कि कांग्रेस इंडिया गठबंधन के साथी दलों के बीच इस मुद्दे पर आम सहमति बनाने की कोशिश करेगी और मिलकर ही सामूहिक फैसला लेगी। बता दें कि जब 30 अगस्त को लोकसभा में यह बिल पेश किया गया था, तब विपक्षी दलों ने सदन में खूब हंगामा मचाया था। बड़ी बात यह भी है कि तीनों विधेयकों को जेपीसी को सौंपे जाने के फैसले की घोषणा के लगभग एक महीने बाद भी लोकसभा अध्यक्ष जेपीसी की घोषणा नहीं कर पाए हैं।

Pramod Praveen

लेखक के बारे में

Pramod Praveen
भूगोल में पीएचडी और पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर उपाधि धारक। ईटीवी से बतौर प्रशिक्षु पत्रकार पत्रकारिता करियर की शुरुआत। कई हिंदी न्यूज़ चैनलों (इंडिया न्यूज, फोकस टीवी, साधना न्यूज) की लॉन्चिंग टीम का सदस्य और बतौर प्रोड्यूसर, सीनियर प्रोड्यूसर के रूप में काम करने के बाद डिजिटल पत्रकारिता में एक दशक से लंबे समय का कार्यानुभव। जनसत्ता, एनडीटीवी के बाद संप्रति हिन्दुस्तान लाइव में कार्यरत। समसामयिक घटनाओं और राजनीतिक जगत के अंदर की खबरों पर चिंतन-मंथन और लेखन समेत कुल डेढ़ दशक की पत्रकारिता में बहुआयामी भूमिका। कई संस्थानों में सियासी किस्सों का स्तंभकार और संपादन। और पढ़ें
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