
जबर्दस्ती ले रहे श्रेय, चेहरा चमकाने की कोशिश; पीएम मोदी के संबोधन पर कांग्रेस ने बोला हमला
संक्षेप: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के नाम संबोधन में जीएसटी सुधारों पर बात की। पीएम मोदी के संबोधन पर कांग्रेस का बयान आया है। कांग्रेस ने कहा है कि पीएम मोदी ने जीएसटी काउंसिल द्वारा किए गए संशोधनों का पूरा श्रेय खुद को देने की कोशिश की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के नाम संबोधन में जीएसटी सुधारों पर बात की। पीएम मोदी के संबोधन पर कांग्रेस का बयान आया है। कांग्रेस ने कहा है कि पीएम मोदी ने जीएसटी काउंसिल द्वारा किए गए संशोधनों का पूरा श्रेय खुद को देने की कोशिश की है। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इसे पीएम मोदी द्वारा चेहरा चमकाने की कोशिश बताया है। इसके साथ ही कांग्रेस ने यह भी कहा है कि वर्तमान जीएसटी सुधार अपर्याप्त हैं। गौरतलब है कि जीएसटी दरों में कटौती लागू होने से एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार भारत की वृद्धि गाथा को गति देंगे, कारोबारी सुगमता को बढ़ाएंगे और अधिक निवेशकों को आकर्षित करेंगे।
सुप्रिया श्रीनेत ने एक्स पर लिखा है कि कल से कम जीएसटी रेट लागू होने हैं, सारे अनाउंसमेंट आ चुके हैं। मोदी जी ने तो निर्णय के पहले ही लाल किले से घोषणा कर ही दी थी। लेकिन आज मोदी जी को लगा अरे बिना मेरा चेहरा चमके यह कैसे हो सकता है, तो जबरदस्ती का भाषण देने आ गए। उन्होंने आगे लिखा है कि प्रधानमंत्री ने बात तो ऐसे की जैसे 2017 में जीएसटी इन्होंने नहीं, किसी और ने जीएसटी लागू की थी। आज तो आपको हाथ जोड़कर माफी मांगनी चाहिए थी। प्रभु, आप ही ने 8 साल से जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बना कर लोगों को बेतहाशा लूटा है।
सुप्रिया श्रीनेत ने आगे लिखा है कि आपका कहना है इस बार त्यौहार के मौसम में मुंह मीठा होगा। तो इन्हीं त्यौहारों में पिछले 8 साल से इतनी कड़वाहट क्यों भरी? आप चाहें तो आज भी एक झटके में पेट्रोल और डीजल के दाम घटा सकते हैं- क्यों नहीं घटा रहे हैं? कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा कि और एक बात जो किसी को भूलनी नहीं चाहिए- गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए इन्हीं नरेंद्र मोदी ने जीएसटी का प्रबल विरोध किया था।
प्रधानमंत्री के इस संबोधन पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट लिखी है। उन्होंने लिखा कि आज प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए एक संवैधानिक निकाय, जीएसटी काउंसिल द्वारा किए गए संशोधनों का पूरा श्रेय खुद लेने की कोशिश की। उन्होंने आगे लिखा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस लंबे समय से यह तर्क देती आई है कि जीएसटी वास्तव में ग्रोथ सप्रेसिंग टैक्स है। इसमें कई समस्याएं हैं-उच्च संख्या में टैक्स स्लैब, आम उपभोग की वस्तुओं पर दंडात्मक कर दरें, बड़े पैमाने पर चोरी और गलत वर्गीकरण, महंगी औपचारिकताओं का बोझ और एक उल्टा शुल्क ढांचा (जहां आउटपुट पर इनपुट की तुलना में कम टैक्स लगता है)।





