
चिराग ने घटाई डिमांड, लेकिन कर दी इन सीटों की मांग; BJP ने दिया RS और MLC का ऑफर
संक्षेप: एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर गतिरोध बना हुआ है क्योंकि एलजेपी (रामविलास) ने कुछ ऐसी सीटों की मांग की है जो फिलहाल भाजपा, जनता दल (यूनाइटेड) और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के कब्जे में हैं।
NDA Seat Sharing in Bihar: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपनी सीटों की मांग घटाकर अब 35 सीटों की लिस्ट भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सौंप दी है। पहले उन्होंने 40 सीटों की मांग की थी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने अपने एनडीए सहयोगी को 26 सीटों का प्रस्ताव दिया है और साथ ही भविष्य में एक विधान परिषद (एमएलसी) और राज्यसभा सीट देने का आश्वासन भी दिया है।

चिराग पासवान अपने दल के प्रभाव वाले पांच लोकसभा क्षेत्रों, जैसे कि हाजीपुर, जमुई, वैशाली, खगड़िया और समस्तीपुरमें क म से कम दो-दो विधानसभा सीटों की मांग पर अड़े हैं।
इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा है कि एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर गतिरोध बना हुआ है क्योंकि एलजेपी (रामविलास) ने कुछ ऐसी सीटों की मांग की है जो फिलहाल भाजपा, जनता दल (यूनाइटेड) और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के कब्जे में हैं। इनमें गोविंदगंज, मटिहानी और सिकंदरा सीटें शामिल हैं।
एलजेपी गोविंदगंज सीट से अपने प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी को उतारना चाहती है, जबकि भाजपा इस पर सहमत नहीं है। वहीं, चिराग ने भ्रमपुर सीट से हुलास पांडे को उम्मीदवार बनाने की मांग की है, लेकिन भाजपा चाहती है कि वहां से उसके नेता संतोष राय चुनाव लड़ें।
चिराग की सूची में जिन प्रमुख सीटों के नाम शामिल हैं, उनमें महनार और महुआ (हाजीपुर), मुरवा (समस्तीपुर), अलौली (खगड़िया), भागलपुर सदर, बख्तियारपुर, फतुहा (पटना), अत्री (गया), ओबरा (औरंगाबाद) तथा शेखपुरा, अरवल और जहानाबाद जैसी सीटें शामिल हैं।
एलजेपी (रामविलास) के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “हमने अपनी मांग घटाई है, लेकिन हम उन्हीं सीटों की बात कर रहे हैं जहां हमारी पकड़ और जीत की संभावना ज्यादा है। उदाहरण के लिए हमने 2020 के विधानसभा चुनाव में मटिहानी सीट जीती थी, लेकिन हमारे विधायक राजकुमार सिंह बाद में जेडीयू में शामिल हो गए। वह सीट हमारी है और हम उसे फिर चाहते हैं।”
सूत्रों के अनुसार, जेडीयू और भाजपा दोनों कम से कम 100-100 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं, उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 10 से कम सीटों पर समझौता करने की संभावना है। दूसरी ओर, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी अब भी अपनी 15 सीटों की मांग पर अड़े हैं और उन्होंने कहा है कि यदि मांग नहीं मानी गई तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे।





