DU से हटाए गए इस्लाम और चीन-पाकिस्तान वाले चैप्टर, अब पढ़ाए जाएंगे सिखों की शहादत
डीयू में एक नया कोर्स जोड़ा गया है। नाम दिया गया है सिख शहादत। इसे स्वतंत्रता एवं विभाजन अध्ययन केंद्र (CIPS) के अंतर्गत सामान्य ऐच्छिक (GE) कोर्स के रूप में पढ़ाया जाएगा।

दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) की अकादमिक परिषद ने शनिवार को राजनीतिक विज्ञान विभाग के पोस्टग्रेजुएट (PG) पाठ्यक्रम से ऐसे कई कोर्स हटाने की मंजूरी दी, जिनमें पाकिस्तान, चीन, इस्लाम और राजनीतिक हिंसा से जुड़े विषय शामिल थे। इन कोर्सों में पाकिस्तान और विश्व, समकालीन विश्व में चीन की भूमिका, इस्लाम और अंतर्राष्ट्रीय संबंध, पाकिस्तान: राज्य और समाज और धार्मिक राष्ट्रवाद और राजनीतिक हिंसा शामिल थे।
इन कोर्सों को हटाने का प्रस्ताव जून में विश्वविद्यालय की स्थायी समिति द्वारा पारित किया गया था और अब इसे अंतिम मंजूरी मिल गई है। प्रस्ताव के पीछे तर्क दिया गया कि यह पाठ्यक्रम की प्रासंगिकता और संतुलन को सुनिश्चित करने का प्रयास है।
डीयू के छात्र पढ़ेंगे सिखों की शहादत
डीयू में एक नया कोर्स जोड़ा गया है। नाम दिया गया है सिख शहादत। इसे स्वतंत्रता एवं विभाजन अध्ययन केंद्र (CIPS) के अंतर्गत सामान्य ऐच्छिक (GE) कोर्स के रूप में पढ़ाया जाएगा। डीयू की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, “इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य सिख समुदाय से जुड़े ऐतिहासिक संदर्भों, धार्मिक उत्पीड़न और राज्य दमन के खिलाफ प्रतिरोध को समझना है।”
एक अधिकारी के अनुसार, यह कोर्स उभरती हुई ऐतिहासिक दृष्टिकोण की खामियों और सिख समुदाय के सामाजिक-धार्मिक इतिहास की उपेक्षा को भरने का प्रयास करेगा।
चौथे वर्ष के स्नातक छात्रों के लिए डिसर्टेशन, रिसर्च प्रोजेक्ट्स और एंटरप्रेन्योरशिप की निगरानी से संबंधित गाइडलाइंस भी पारित की गईं। इसमें कुछ प्रावधान हैं। इसके मुताबिक, PhD हो या न हो सभी शिक्षक शोध और प्रोजेक्ट्स गाइड कर सकते हैं। एक शिक्षक अधिकतम 10 छात्रों का मार्गदर्शन कर सकता है। कॉलेज की रिसर्च कमेटी (RCC) जरूरत पड़ने पर संख्या बढ़ा सकती है।
हालांकि, इस पर चार सदस्यों ने असहमति जताई, जिनका कहना है कि शिक्षकों पर अत्यधिक कार्यभार डाला जा रहा है और गेस्ट फैकल्टी को भी इस गणना में जोड़ा जाना चाहिए।
रेडियो जॉकी बनना सीखेंगे छात्र
DU में रेडियो जॉकी (RJ) प्रशिक्षण को एक Skill Enhancement Course (SEC) के रूप में शुरू किया जा रहा है। इसमें छात्रों को आवाज की ट्रेनिंग, उच्चारण, स्टूडियो संचालन और रियल-टाइम शो होस्टिंग सिखाया जाएगा।
इनके अलावा 2016-17 सत्र में दाखिला लेने वाले छात्रों को दो साल का अतिरिक्त समय देने का प्रस्ताव भी मंजूर हुआ ताकि वे अपनी बैकलॉग परीक्षाएं पूरी कर सकें।