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Chandrayaan 3 को लेकर आई एक और खुशखबरी, हो गया बड़ा ऐलान

  • Chandrayaan 3: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के पूर्व डायरेक्टर जी पद्मनाभम, चंद्रयान-3 पर काम करने वाली पूरी टीम समेत कई अन्य लोगों को पहले राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार (RVP) के लिए चुना गया है। चंद्रयान-3 की टीम को विज्ञान टीम अवॉर्ड मिलने जा रहा है।

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तानFri, 9 Aug 2024 02:52 PM
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Chandrayaan 3 Update: पिछले साल देश के तीसरे मून मिशन चंद्रयान-3 को चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंड करवाया गया था, जिसके बाद इसरो ने इतिहास रच दिया था। भारत दुनिया का ऐसा पहला देश हो गया था, जिसका चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा हो। इसके बाद पृथ्वी के हिसाब से 14 दिनों तक चंद्रयान-3 के विक्रम और प्रज्ञान ने चंद्रमा पर चहलकदमी करते हुए कई अहम जानकारियां इकट्ठा की थीं। अब चंद्रयान-3 मिशन के पीछे काम करने वाली पूरी टीम के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। चंद्रयान-3 की टीम ने बड़ा कमाल किया है। दरअसल, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के पूर्व डायरेक्टर जी पद्मनाभम, चंद्रयान-3 पर काम करने वाली पूरी टीम समेत कई अन्य लोगों को पहले राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार (RVP) के लिए चुना गया है। चंद्रयान-3 की टीम को विज्ञान टीम अवॉर्ड मिलने जा रहा है।

बता दें कि राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार में चार तरीके के अवॉर्ड्स शामिल हैं। आजीवन उपलब्धि के लिए विज्ञान रत्न, सभी उम्र के वैज्ञानिकों के लिए विज्ञान श्री, 45 वर्ष से कम उम्र के वैज्ञानिकों के लिए विज्ञान युवा और सहयोगात्मक शोध कार्य के लिए विज्ञान टीम। पिछले साल सभी मौजूदा विज्ञान पुरस्कारों को समाप्त करने के बाद इन नए पुरस्कारों की शुरुआत की गई थी। मलेरिया परजीवी पर अपने काम के लिए प्रसिद्ध 86 वर्षीय पद्मनाभन को विज्ञान रत्न से सम्मानित किया गया है। पद्मनाभन को पहले भी पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है।

वहीं, चंद्रयान-3 की उपलब्धि के पीछे जिस टीम का हाथ था, उसे विज्ञान टीम अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है। इसके अलावा, विज्ञान युवा पुरस्कार के लिए जिन वैज्ञानिकों को सेलेक्ट किया गया है, उनमें पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रज्ञा यादव भी शामिल हैं, जो कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में प्रमुख लोगों में से एक थीं। उन्होंने भारत बायोटेक के साथ मिलकर कोविड-19 के लिए कोवैक्सिन वैक्सीन विकसित करने वाली आईसीएमआर टीम का भी नेतृत्व किया था।

इसके अलावा, विज्ञान युवा पुरस्कार के लिए नामांकित लोगों में इंजीनियरिंग विज्ञान के क्षेत्र में बप्पी पॉल, अभिलाष, राधा कृष्ण गंटी और पूरबी सैकिया, अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दिगेंद्रनाथ स्वैन, प्रभु राजगोपाल और प्रशांत कुमार, तथा चिकित्सा के क्षेत्र में जितेंद्र कुमार साहू, उर्वशी सिन्हा आदि शामिल हैं।

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