Chandrayaan 3 revealed another secret of the moon Vikram lander pragyan rover चंद्रयान 3 ने खोला चांद का एक और राज, लैंडिंग के डेढ़ साल बाद आया बड़ा अपडेट, India Hindi News - Hindustan
Hindi Newsदेश न्यूज़Chandrayaan 3 revealed another secret of the moon Vikram lander pragyan rover

चंद्रयान 3 ने खोला चांद का एक और राज, लैंडिंग के डेढ़ साल बाद आया बड़ा अपडेट

  • ISRO द्वारा बेंगलुरु से प्रक्षेपित चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की थी। इसके तीन दिन बाद 26 अगस्त को ‘लैंडिंग’ स्थल का नाम ‘शिव शक्ति पॉइंट’ रखा गया।

Nisarg Dixit भाषाFri, 7 March 2025 08:16 AM
share Share
Follow Us on
चंद्रयान 3 ने खोला चांद का एक और राज, लैंडिंग के डेढ़ साल बाद आया बड़ा अपडेट

चंद्रयान 3 की तरफ से चांद को लेकर एक और अहम जानकारी सामने आई है। खबर है कि स्टडी से पता चलता है कि चांद के ध्रुवों पर अधिक स्थानों पर सतह के ठीक नीचे बर्फ मौजूद हो सकती है। साथ ही इसकी मात्रा पहले लगाए गए अनुमानों से भी ज्यादा हो सकती है। चांद ने 23 अगस्त 2023 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग कर इतिहास रचा था।

अहमदाबाद स्थित भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला के संकाय सदस्य एवं प्रमुख लेखक दुर्गा प्रसाद करणम ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि सतह के तापमान में बड़े, लेकिन अत्यधिक स्थानीय परिवर्तन सीधे बर्फ के निर्माण को प्रभावित कर सकते हैं और इन बर्फ कणों को देखने से 'उनकी शुरुआत और इतिहास के बारे में अलग-अलग कहानियां सामने आ सकती हैं।'

उन्होंने कहा, 'इससे हमें यह भी पता चल सकता है कि समय के साथ बर्फ कैसे जमा हुई और चंद्रमा की सतह पर कैसे पहुंची, जिससे इस प्राकृतिक उपग्रह की शुरुआती भूगर्भीय प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी मिल सकती है।' इससे संबंधित निष्कर्ष पत्रिका 'कम्युनिकेशंस अर्थ एंड एनवायरनमेंट' में प्रकाशित हुआ है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा बेंगलुरु से प्रक्षेपित चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की थी। इसके तीन दिन बाद 26 अगस्त को ‘लैंडिंग’ स्थल का नाम ‘शिव शक्ति पॉइंट’ रखा गया।

चंद्रमा पर बर्फ के पानी में बदलने की संभावना के बारे में ‘पीटीआई-भाषा’ के सवाल के जवाब में करणम ने कहा, 'चंद्रमा की सतह पर अल्ट्रा हाई वेक्यूम के कारण तरल रूप में पानी मौजूद नहीं रह सकता। इसलिए, बर्फ तरल में बदल नहीं सकती, बल्कि वाष्प रूप में परिवर्तित हो जाएगी।' करणम ने कहा, ‘वर्तमान समझ के अनुसार, चंद्रमा पर अतीत में रहने योग्य स्थितियां नहीं रही होंगी।’