Hindi NewsIndia NewsChandrachud Former CJI Judge Yashwant Varma Cash Case Says Was the Money his or Was it found at his Home
क्या पैसे उनके थे या उनके घर से मिले थे? जज यशवंत वर्मा कैशकांड में क्या बोले पूर्व CJI चंद्रचूड़
संक्षेप: पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ से जब जज यशवंत वर्मा के घर से मिले कैश के मामले के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि क्या पैसे उनके थे, क्या उनके घर में मिले थे? जज को पूरी सुनवाई का अवसर दिए जाने से पहले इस मुद्दे पर पहले से फैसला न करें।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित आवास से मिले नकदी मामले में पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में एफआईआर जरूर होनी चाहिए थी। हालांकि, उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या पैसे उनके थे या उनके घर से मिले थे? उन्हें पूरी सुनवाई का मौका दिया जाना चाहिए।
'द लल्लनटॉप' से बातचीत में पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ से जब जज यशवंत वर्मा के घर से मिले कैश के मामले के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ''क्या पैसे उनके थे, क्या उनके घर में मिले थे? आइए जज को पूरी सुनवाई का अवसर दिए जाने से पहले इस मुद्दे पर पहले से फैसला न करें।'' वहीं, जज यशवंत वर्मा के खिलाफ एफआईआर फाइल होनी चाहिए थी? इस पर पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि जी, बिल्कुल सही कह रहे हैं कि एफआईआर दायर होनी चाहिए। उस समय के जो वाइस प्रेसिडेंट थे, उन्होंने टिप्पणी की थी एक दो-बार... कार्य करने देना चाहिए था, क्योंकि जो ऊंचे संवैधानिक पद पर लोग आते हैं तो जो आप टिप्पणी करते हैं उसपर थोड़ा संयम होना चाहिए।''
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में अगस्त महीनें में दायर एक याचिका में नकदी की जली हुई गड्डियां बरामद होने के मामले में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने से इनकार किए जाने के फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया गया था। तीन वकीलों और एक चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा दायर याचिका में सात अगस्त के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया। फैसले में उनकी याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया गया था कि याचिकाकर्ता प्राथमिकी दर्ज करने के लिए सरकार या पुलिस को दिया गया कोई अभ्यावेदन नहीं दिखा सके।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने न्यायमूर्ति वर्मा पर लगे आरोपों की जांच के लिए शीर्ष अदालत के न्यायाधीश अरविंद कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की है। बिरला ने संसद में कहा, ‘‘समिति यथाशीघ्र अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। जांच समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने तक प्रस्ताव (न्यायमूर्ति वर्मा को हटाने का) लंबित रहेगा।’’ उन्होंने सदन को सूचित किया था कि उन्हें गत 31 जुलाई को भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद और सदन में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित सत्ता पक्ष और विपक्ष के कुल 146 सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित प्रस्ताव की सूचना प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा था कि उक्त सूचना में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद से हटाने के लिए राष्ट्रपति को एक समावेदन प्रस्तुत करने का प्रस्ताव है।
बता दें कि जस्टिस वर्मा के राष्ट्रीय राजधानी स्थित आवास पर मार्च में आग लगने की घटना के बाद परिसर में अधजली नोटों की गड्डियां मिली थीं। हालांकि, उन्होंने दावा किया था कि उन्हें इस नकदी के बारे में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त समिति ने कई गवाहों से बात करने और उनके बयान दर्ज करने के बाद न्यायमूर्ति वर्मा को अभ्यारोपित किया था।