
16 राज्य रेवेन्यू सरप्लस में, कभी बीमारू रहा यूपी टॉप पर; CAG की रिपोर्ट ने चौंकाया
संक्षेप: राजस्व घाटे वाले राज्यों की बनावट तेजी से बदल रही है, जिसमें पश्चिम बंगाल, केरल, हिमाचल प्रदेश और पंजाब केंद्र से राजस्व घाटा अनुदान पर निर्भर हो गए हैं। वित्त वर्ष 2023 में पश्चिम बंगाल को 16% अनुदान मिला था।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने राज्यों की वित्तीय स्थिति पर पहली बार दशकीय अध्ययन वाली रिपोर्ट जारी की है, जिसमें 2022-23 वित्तीय वर्ष में 16 राज्यों को रेवेन्यू सरप्लस वाला पाया गया है। इस लिस्ट में सबसे ऊपर उत्तर प्रदेश है, जो कभी बीमारू राज्यों में प्रमुखता से गिना जाता था। यूपी ने 37 हजार करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष दर्ज किया है। कभी बीमारू राज्य रहा मध्य प्रदेश भी इस एलीट क्लब में शामिल हो गया है, जहां सरकार को हासिल होने वाला राजस्व व्यय से अधिक रहा।
उत्तर प्रदेश के बाद गुजरात (19,865 करोड़ रुपये), ओडिशा (19,456 करोड़ रुपये), झारखंड (13,564 करोड़ रुपये), कर्नाटक (13,496 करोड़ रुपये), छत्तीसगढ़ (8,592 करोड़ रुपये), तेलंगाना (5,944 करोड़ रुपये), उत्तराखंड (5,310 करोड़ रुपये), मध्य प्रदेश (4,091 करोड़ रुपये) और गोवा (2,399 करोड़ रुपये) का स्थान है। पूर्वोत्तर के अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम भी इस सूची में शामिल हैं। इनमें से कम से कम 10 राज्य भाजपा शासित हैं।
12 राज्य राजस्व घाटे में
रिपोर्ट में पाया गया कि 2022-23 में 12 राज्य राजस्व घाटे में थे। इनमें आंध्र प्रदेश (-43,488 करोड़ रुपये), तमिलनाडु (-36,215 करोड़ रुपये), राजस्थान (-31,491 करोड़ रुपये), पश्चिम बंगाल (-27,295 करोड़ रुपये), पंजाब (-26,045 करोड़ रुपये), हरियाणा (-17,212 करोड़ रुपये), असम (-12,072 करोड़ रुपये), बिहार (-11,288 करोड़ रुपये), हिमाचल प्रदेश (-6,336 करोड़ रुपये), केरल (-9,226 करोड़ रुपये), महाराष्ट्र (-1,936 करोड़ रुपये) और मेघालय (-44 करोड़ रुपये) शामिल हैं।
कैसे बदल रही स्थिति
राजस्व घाटे वाले राज्यों की बनावट तेजी से बदल रही है, जिसमें पश्चिम बंगाल, केरल, हिमाचल प्रदेश और पंजाब केंद्र से राजस्व घाटा अनुदान पर निर्भर हो गए हैं। वित्त वर्ष 2023 में पश्चिम बंगाल को 16% अनुदान मिला, उसके बाद केरल 15%, आंध्र प्रदेश 12%, हिमाचल प्रदेश 11% और पंजाब 10%। हरियाणा ने अपने कर और गैर-कर राजस्व स्रोतों को मजबूत किया है, जो कुल राजस्व का 80% से अधिक है। तेलंगाना (79%), महाराष्ट्र (73%), गुजरात (72%), कर्नाटक (69%), तमिलनाडु (69%) और गोवा (68%) के साथ इस नजरिए से मजबूत हैं।





