शिक्षा उसमें सुधार लाएगी; बीमार पिता के हत्यारे बेटे को हाईकोर्ट ने दी जमानत
- Bombay High Court: बॉम्बे हाईकोर्ट ने पिता के हत्यारे 20 साल के लड़के को जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि युवा अपराधी अपने जीवन की शुरुआत में है। ऐसे में अगर उसको पढ़ाई करने से रोका जाता है तो संभावना है कि वह अपराधिक जगत की गहराई में पहुंच जाएगा।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने पिता के हत्यारोपी एक 20 वर्षीय बेटे को जमानत दे दी है। हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए उस सिद्धांत पर भी जोर दिया, जिसमें कहा गया है कि दोषी की उम्र जितनी कम होती है उसका दोष उतना ही कम होता है। इतना ही नहीं अदालत ने शिक्षा के माध्यम से युवा अपराधी के पुनर्वास पर भी जोर दिया। 20 वर्षीय कॉलेज छात्र पिता के हत्या के अपराध में जेल में बंद है। उसने 23 फरवरी 2023 को पिता की हत्या करने के बाद पुलिस थाने में आत्मसमर्पण कर दिया था।
जस्टिस मिलिंद एन जाधव की अध्यक्षता वाली बेंच ने दोषी को जमानत देते हुए कहा कि वह अभी अपने जीवन की दहलीज पर है। ऐसे में अगर उसको जेल में रखा जाता है तो फिर इस बात की संभावना अधिक है कि वह अपराध के इस दुष्चक्र में और गहरा फंसता जाएगा। इससे वह एक कठोर अपराधी भी बन सकता है, जो कि समाज के लिए भविष्य में एक स्थाई खतरा होगा। अगर यहां हम उसे जमानत दे देते हैं तो वह वापस अपने कॉलेज में जाकर पढ़ाई करेगा, जिससे उसके जीवन में भी सुधार आ सकता है।
क्या था मामला?
पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक यह पूरा मामला 22 फरवरी 2023 का है। इस दिन दोषी का अपने पिता से झगड़ा हो गया। दरअसल, 69 वर्षीय पिता किडनी की बीमारी के चलते बिस्तर से उठने में असमर्थ था। ऐसे में वह इसी लड़के और इसकी मां पर पूरी तरह से आश्रित था। ऐसे में 22 फरवरी के दिन उसने बिस्तर पर ही पेशाब कर दी, एक बार तो लड़के ने साफ कर दी लेकिन उसने फिर से पेशाब कर दी। इसके बाद पिता ने कोई नशीली दवाई लेने का प्रयास किया, जिसे लेकर दोनों पिता-पुत्र में जोरदार बहस हो गई। मृतक पिता उसे लगातार गाली देता रहा, स्थानीय लोगों के मुताबिक वह बीमार होने से पहले दोनों माँ और बेटे को पीटता भी था। ऐसे में गुस्साए लड़के ने पहले तो एक बड़ा सा पत्थर पिता के सर पर दे मारा और उसके बाद रसोई के चाकू से गला काट दिया। बाद में उसने जाकर पुलिस थाने में आत्मसमर्पण कर दिया।