Hindi Newsदेश न्यूज़bjp worry from Faridabad to hisar in Haryana assembly elections

फरीदाबाद से हिसार तक बागियों से टेंशन में भाजपा, किन सीटों पर अपनों से ही मुकाबला

  • कई सीटों पर बागी मुकाबले में बने रहने पर कायम हैं। इन नेताओं में देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल भी शामिल हैं। वह हिसार सीट से मैदान में उतरी हैं और भाजपा के कमल गुप्ता की टेंशन बढ़ा रही है। इसके अलावा सोनीपत में पूर्व मंत्री कविता जैन चुनाव में उतरी हैं।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 13 Sep 2024 04:01 AM
share Share

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को नामांकन का आखिरी दिन था। भाजपा ने आखिरी दिन महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट पर रामबिलास शर्मा को नामांकन वापस लेने के लिए राजी कर लिया। रामबिलास शर्मा ने बेहद भावुक माहौल में नामांकन वापस लेने का ऐलान किया और कहा कि मेरी जिंदगी के 10 या 15 साल ही बचे हैं। अब मैं पार्टी के झंडे में ही लिपटकर मरना चाहता हूं। मुझे पार्टी से अलग नहीं होना है। लेकिन रामबिलास शर्मा के अलावा भाजपा किसी अन्य नेता को साध नहीं सकी। सोनीपत, पानीपत से लेकर हिसार और फरीदाबाद तक में भाजपा को बगावत का सामना करना पड़ रहा है।

इन सभी सीटों पर बागी मुकाबले में बने रहने पर कायम हैं। इन नेताओं में देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल भी शामिल हैं। वह हिसार सीट से मैदान में उतरी हैं और भाजपा के कमल गुप्ता की टेंशन बढ़ा रही है। इसके अलावा सोनीपत में पूर्व मंत्री कविता जैन चुनाव में उतरी हैं। अटेली विधानसभा सीट पर भी भाजपा के लिए चुनौती खड़ी हो गई है, जहां संतोष यादव बागी होकर उतरे हैं। वह प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष भी हैं। उनके अलावा पानीपत से हिमांशु शर्मा महम सीट पर शमशेर खरखरा जैसे नेता भी भाजपा के लिए मुश्किलें पैदा कर रहे हैं।

पृथला सीट पर दीपक डार भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं तो वहीं हथीन से केहर सिंह रावत मुकाबले बने रहने पर अड़े हैं। फरीदाबाद विधानसभा सीट पर नागेंद्र भड़ाना मैदान में बने रहेंगे। इन सभी नेताओं ने भाजपा से टिकट की दावेदारी की थी, लेकिन मौका नहीं मिला तो बागी ही उतर गए। हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान होना है। इस तरह महज 21 दिन ही चुनाव में बचे हैं और भाजपा को कांग्रेस से मुकाबले के अलावा अपने बागियों से भी निपटना होगा। फिलहाल भाजपा सूत्रों का कहना है कि 16 सितंबर नामांकन वापसी का आखिरी दिन है और भाजपा कोशिश में है कि रामबिलास शर्मा की तरह ही कुछ और बागियों को मना लिया जाए।

भाजपा को सिरसा में भी मुश्किल हो सकती है। यहां भाजपा ने गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी को साथ नहीं लिया और अब वह इंडियन नेशनल लोकदल के साथ चले गए हैं। भाजपा इस चुनाव में अकेले ही मैदान में उतरी है और उसका किसी से भी गठबंधन नहीं हो सका। करीब साढ़े 4 साल तक सरकार में साथ रहने वाली जननायक जनता पार्टी अब अलग है। इस तरह भाजपा चुनाव में तो अकेली है ही, बागी भी उसके लिए बड़ी टेंशन देने पैदा करने में जुटे हैं।

ये भी पढ़े:BJP से बागी हुए रामबिलास शर्मा वापस लेंगे नामांकन, समर्थकों के सामने हुए भावुक
ये भी पढ़े:हरियाणा में बागी नेता के नामांकन में उमड़े BJP के ही दिग्गज, बगावत उड़ा रही नींद

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें