
बिहार चुनाव में मतदान के दौरान ‘बुर्कानशीं’ वोटर्स पर एक्शन, चुनाव आयोग ने बताया कैसे होगी जांच
संक्षेप: बिहार चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया गया है, जहां 7 करोड़ से भी अधिक मतदाता आगामी 6 और 11 नवंबर को मतदान कर नई सरकार चुनेंगे। चुनाव आयोग ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान किया है।
चुनाव आयोग ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा कर दी है। राज्य में आगामी 6 नवंबर और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा। वहीं मतगणना 14 नवंबर को होगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तारीखों का ऐलान किया है। ज्ञानेश कुमार ने बताया है कि पहले चरण में 121 तो वहीं दूसरे चरण में 122 सीट के लिए मतदान होगा। इस बीच मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी बताया है कि बिहार में वोटिंग के दौरान बुर्कानशीं वोटर्स पर कड़ी नजर रखी जाएगी और जरूरत पड़ने पर उनकी चेकिंग भी होगी।

CEC ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में ‘‘बुर्कानशीं’’ या ‘‘पर्दानशीं’’ मतदाताओं की पहचान के लिए मतदान केंद्रों पर आंगनवाड़ी कर्मी उपलब्ध रहेंगी तथा जरूरत होने पर तय निर्देशों के तहत पहचान का सत्यापन भी होगा। इससे पहले ज्ञानेश कुमार से सवाल किया गया कि बुर्के या घूंघट में आने वाली महिला मतदाताओं की पहचान के लिए क्या प्रबंध किए गए हैं?
इसके जवाब में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा, ‘‘जहां तक बुर्कानशीं की बात हो रही है...पर्दानशीं की बात है...तो पहचान के लिए हमारी आंगनवाड़ी सेविकाएं उपलब्ध रहेंगी। जरूरत पड़ने पर जांच होगी। निर्वाचन आयोग का स्पष्ट दिशानिर्देश हैं कि मतदान केंद्र के कैसे पर पहचान का सत्यापन होगा और उनका सख्ती से पालन होगा।’’
भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने की थी मांग
इससे पहले बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बीते शनिवार को निर्वाचन आयोग से विधानसभा चुनाव में मतदान केंद्रों पर बुर्का पहनकर पहुंचने वाली महिलाओं के चेहरे का मिलान मतदाता पहचान पत्र से करने की मांग की थी। उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में बिहार दौरे पर गई आयोग की टीम से मुलाकात करने के बाद जायसवाल ने कहा था, ‘‘हमने आयोग से आग्रह किया है कि चुनाव 1 या 2 चरणों में कराए जाएं। चुनाव प्रक्रिया को अधिक खींचने की आवश्यकता नहीं है। साथ ही यह भी जरूरी है कि मतदान करने आने वाले मतदाताओं, खासकर बुर्का पहनने वाली महिलाओं की पहचान, उनके चेहरा का पहचानपत्र से मिलान करके सत्यापित की जाए, ताकि केवल वास्तविक मतदाता ही मतदान कर सकें।’’
ECI की नई पहलें
निर्वाचन आयोग ने प्रेस कांग्रेस के दौरान विधानसभा चुनाव के दौरान शुरू की जाने वाली 17 नई पहलों की घोषणा भी की है, जिनमें सभी मतदान केंद्रों पर अनिवार्य ‘वेबकास्टिंग’ और मोबाइल फोन जमा करने की सुविधा शामिल है। CEC ने “बिहार फर्स्ट इनिशिएटिव्स” नाम की इन पहलों की घोषणा की है जिन्हें चुनाव की तैयारी से लेकर मतगणना तक सभी चरणों में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये पहल आगामी चुनावों के दौरान सभी राज्यों में शुरू की जाएंगी। इसके तहत पहली बार, सभी मतदान केंद्रों के बाहर मोबाइल फोन जमा कराने के लिए काउंटर उपलब्ध होंगे।
22 नवंबर को खत्म हो रहा है विधानसभा का कार्यकाल
भीड़भाड़ से बचने के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या भी 1,200 तक सीमित कर दी गई है। वहीं सभी मतदान केंद्रों पर 100 प्रतिशत ‘वेबकास्टिंग’ होगी और मतदान केंद्रों के 100 मीटर के बाहर ही उम्मीदवारों के बूथ बनाने की अनुमति होगी। आयोग ने ईवीएम मतपत्रों को अधिक पठनीय बनाने के लिए दिशा-निर्देशों में भी संशोधन किया है और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में पहली बार उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें होंगी। बता दें कि बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है।





