Hindi NewsIndia NewsBig Political storm in Andhra Pradesh Over Sacred Land swap of Tirumala temple
मंदिर की जमीन पर कबाब परोसेंगे? जमीन की अदला-बदली पर बवाल; क्या है पूरा मामला

मंदिर की जमीन पर कबाब परोसेंगे? जमीन की अदला-बदली पर बवाल; क्या है पूरा मामला

संक्षेप: आंध्र प्रदेश में एक नया सियासी तूफान उठ खड़ा हुआ है। इसकी जड़ में है प्रदेश सरकार का एक फैसला। इस फैसले के मुताबिक पर्यटन विभाग और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के बीच जमीनों की अदला-बदली होनी है। लेकिन विपक्षी दल वाईएसआर कांग्रेस इस फैसले का विरोध कर रही है।

Tue, 26 Aug 2025 03:07 PMDeepak लाइव हिन्दुस्तान, हैदराबाद
share Share
Follow Us on

आंध्र प्रदेश में एक नया सियासी तूफान उठ खड़ा हुआ है। इसकी जड़ में है प्रदेश सरकार का एक फैसला। इस फैसले के मुताबिक पर्यटन विभाग और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के बीच जमीनों की अदला-बदली होनी है। लेकिन विपक्षी दल वाईएसआर कांग्रेस इस फैसले का विरोध कर रही है। उसने यह कहते हुए आपत्ति दर्ज कराई है कि मंदिर की जमीन का इस्तेमाल किसी भी तरह से व्यवसायिक या गैर-धार्मिक उद्देश्य से नहीं किया जाना चाहिए।

वाईएसआर कांग्रेस का सवाल
खासतौर पर वाईएसआर कांग्रेस ने 20 एकड़ लग्जरी होटल चेन के विवादास्पद एलॉटमेंट पर सवाल उठाया है। साथ ही पार्टी ने यह भी सवाल उठाया है कि क्या मंदिर की जमीन का इस्तेमाल मांस और कबाब परोसने के लिए किया जाना चाहिए? वाईएसआरसीपी ने संबंधित सभी भूमि हस्तांतरणों को रद्द करने की मांग की है। साथ ही सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी के संभावित जवाबी हमले का ध्यान रखते हुए अपनी मांग में पिछली सरकारों द्वारा किए गए आवंटनों को भी शामिल किया है। वाईएसआरसीपी पवित्र भूमि की बहाली भी चाहती है।

टीडीपी ने लगाया यह आरोप
दूसरी तरफ तेलुगुदेशम पार्टी ने वाईएसआरसीपी के ऊपर गलत जानकारी फैलाने का आरोप लगाया है। साथ ही यह भी कहा है कि नवंबर 2021 में उनकी ही सरकार ने इसी होटल चेन की 25 एकड़ जमीन अलॉट की थी। इसमें जंगली जमीन भी शामिल थी और तब टीडीपी और धार्मिक नेताओं ने इसका विरोध किया था। सत्ताधारी दल ने कहा कि उसने अब उस विवादास्पद आवंटन को रद्द कर दिया है। इसकी जगह दक्षिणी हिस्से में जमीन की अदला-बदली की है। पार्टी के मुताबिक यहां पर पहले से ही कई निजी संस्थान मौजूद हैं। टीडीपी ने कहा कि यह पवित्र उत्तरी क्षेत्र को मंदिर के नियंत्रण में बरकरार रखता है।

क्या बोला टीटीडी
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने स्पष्ट किया है कि अलीपिरी के पास की जमीन वास्तव में होटल श्रृंखला को आवंटित की गई थी। नवंबर 2024 में मंदिर ट्रस्ट ने यह निर्णय लिया कि तिरुमाला पहाड़ी से लगी हुई पवित्र भूमि इसके नियंत्रण में रहनी चाहिए। मई और जुलाई में बोर्ड के प्रस्तावों के बाद, एक भूमि अदला-बदली को मंजूरी दी गई - जिसमें टीटीडी ने उत्तरी हिस्से की जमीन ली और दक्षिणी हिस्से के भूखंड पर्यटन विभाग को हस्तांतरित कर दिए।