Hindi NewsIndia NewsBhindranwale was furious when his meeting with Rajiv Gandhi was cancelled Captain Amarinder Singh
भिंडरावाले से मिलने जा रहे थे राजीव गांधी, तभी मिला एक लेटर…; कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खोले राज

भिंडरावाले से मिलने जा रहे थे राजीव गांधी, तभी मिला एक लेटर…; कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खोले राज

संक्षेप: किताब में लिखा है कि सिंह को संदेह है कि दरबारा सिंह - जिन्होंने पहले भिंडरावाले की गिरफ्तारी का समर्थन किया था - अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी जैल सिंह पर पलटवार करना चाहते थे। हालांकि, सिंह का कहना है कि अगर बातचीत को अवरुद्ध नहीं किया गया होता, तो कुछ सार्थक प्रगति हो सकती थी।

Wed, 1 Oct 2025 09:06 AMNisarg Dixit भाषा
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पंजाब के सबसे अधिक अशांति वाले दौर में 1980 के दशक की शुरुआत में तत्कालीन कांग्रेस सांसद कैप्टन अमरिंदर सिंह को राजीव गांधी ने जरनैल सिंह भिंडरावाले के साथ बैठक की व्यवस्था करने का महत्वपूर्ण काम सौंपा था। यह बैठक, जो कभी नहीं हुई, कथित तौर पर गांधी पर घात लगाकर हमले की आशंका की वजह से आखिरी क्षण में रद्द कर दी गई थी। इस दिलचस्प कहानी का विवरण वरिष्ठ पत्रकार और लेखिका हरिंदर बावेजा की नई किताब, 'दे विल शूट यू, मैडम: माई लाइफ थ्रू कॉन्फ्लिक्ट' में दिया गया है।

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यह वाकया सिंह ने हाल में नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित पुस्तक विमोचन के दौरान सुनाया। उन्होंने एक मजेदार किस्सा भी सुनाया कि कैसे एक बार वह भिंडरावाले के बिस्तर पर सो गए थे और संभवत: केवल वही हैं, जो उसकी खाट पर सोए होंगे।

सिंह ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, 'श्री गांधी, राजीव, ने मुझसे पूछा, ‘क्या आप भिंडरावाले के साथ एक बैठक तय कर सकते हैं?’ मैंने कहा, ‘मैं कोशिश करूंगा’। इसलिए मैंने पंजाब पुलिस के एसएसपी सिमरन सिंह मान से पूछा, जो उनके बहुत करीबी थे। हम मिलने के लिए तैयार हो गए, और भिंडरावाले अंबाला हवाई अड्डे पर आने के लिए तैयार हो गया। हमें दिल्ली से उड़ान भरनी थी।'

उन्होंने घटना का वृत्तांत सुनाते हुए कहा, 'हमने अभी उड़ान भरी भी नहीं थी। हमें एक संदेश मिला कि प्रधानमंत्री (इंदिरा गांधी) चाहती हैं कि वह बैठक रद्द कर दें और वापस आ जाएं।' इससे भिंडरावाले नाराज हो गया, लेकिन सिंह ने किसी तरह सिख अलगाववादी नेता को यह बताकर स्थिति को शांत किया कि विमान में ‘तकनीकी खराबी’ आ गई है।

तीन हफ्ते बाद, गांधी ने फिर से सिंह से मुलाकात की व्यवस्था करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, 'हम हवाई जहाज़ पर चढ़ गए। और हम अंबाला के करीब थे कि नियंत्रण टावर ने हमें वापस आने का आदेश दिया। इसलिए, हम वापस आ गए और उतर गए।' सिंह ने खुलासा किया कि दूसरी बार मुलाकात रद्द करने का कारण गंभीर सुरक्षा चिंताएं थीं।

बावेजा की किताब के अनुसार, सिंह ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पंजाब के मुख्यमंत्री दरबारा सिंह ने घात लगाकर किए जाने वाले एक संभावित हमले के बारे में चेतावनी दी थी - जिसमें राजीव को निशाना बनाया जा सकता था।

पुस्तक में सिंह के हवाले से कहा गया है, 'दरबारा सिंह ने उन्हें बताया था कि घात लगाकर हमला किए जाने की योजना है और उनके बेटे राजीव को मार दिया जाएगा।' सिंह (83) का मानना ​​है कि दरबारा सिंह ने ही इंदिरा गांधी को सलाह दी थी कि अपने बेटे को उस जाल में न फंसने दें, जो खतरनाक हो सकता था।

किताब में लिखा है कि सिंह को संदेह है कि दरबारा सिंह - जिन्होंने पहले भिंडरावाले की गिरफ्तारी का समर्थन किया था - अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी जैल सिंह पर पलटवार करना चाहते थे। हालांकि, सिंह का कहना है कि अगर बातचीत को अवरुद्ध नहीं किया गया होता, तो कुछ सार्थक प्रगति हो सकती थी।

Nisarg Dixit

लेखक के बारे में

Nisarg Dixit
निसर्ग दीक्षित एक डिजिटल क्षेत्र के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनकी राजनीति की गतिशीलता पर गहरी नजर है और वैश्विक और घरेलू राजनीति की जटिलताओं को उजागर करने का जुनून है। निसर्ग ने गहन विश्लेषण, जटिल राजनीतिक कथाओं को सम्मोहक कहानियों में बदलने की प्रतिष्ठा बनाई है। राजनीति के अलावा अपराध रिपोर्टिंग, अंतरराष्ट्रीय गतिविधियां और खेल भी उनके कार्यक्षेत्र का हिस्सा रहे हैं। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ जर्नलिज्म करने के बाद दैनिक भास्कर के साथ शुरुआत की और इनशॉर्ट्स, न्यूज18 जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम करने के बाद लाइव हिन्दुस्तान में डिप्टी चीफ कंटेंट प्रोड्यूसर के तौर पर काम कर रहे हैं। और पढ़ें
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