भिंडरावाले ने कभी नहीं की खालिस्तान की मांग; SGPC ने 'इमरजेंसी' पर भेजा कंगना रनौत को नोटिस
- एसजीपीसी के कानूनी सलाहकार एडवोकेट अमनबीर सिंह सियाली द्वारा भेजे गए नोटिस में फिल्म निर्माताओं से फिल्म से सिख विरोधी भावनाओं को दर्शाने वाले दृश्यों को हटाने के लिए कहा गया है। ट्रेलर को सार्वजनिक और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने के साथ-साथ सिख समुदाय से लिखित माफी मांगने की भी मांग की गई है।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने मंगलवार को अभिनेत्री से नेता बनी कंगना रनौत की आगामी फिल्म इमरजेंसी के निर्माताओं को सिखों के चरित्र और इतिहास को गलत तरीके से पेश करने के आरोप में कानूनी नोटिस भेजा है। इसमें कहा गया है कि कट्टरपंथी सिख उपदेशक जरनैल सिंह भिंडरावाला और सिख समुदाय के किसी अन्य व्यक्ति ने कभी खालिस्तान की मांग नहीं की है। यह फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जीवन पर आधारित है, जिनके शासन काल में 1975 में भारत में आपातकाल लगाया गया था।
जीवनी पर आधारित इस फिल्म में कंगना रनौत इंदिरा गांधी की भूमिका निभा रही हैं। वह इस फिल्म की निर्माताओं में भी शामिल हैं। फिल्म का ट्रेलर 14 अगस्त को रिलीज हुआ था और फिल्म के 6 सितंबर को रिलीज होने की उम्मीद है। एसजीपीसी के कानूनी सलाहकार एडवोकेट अमनबीर सिंह सियाली द्वारा भेजे गए नोटिस में फिल्म निर्माताओं से फिल्म से सिख विरोधी भावनाओं को दर्शाने वाले दृश्यों को हटाने के लिए कहा गया है। ट्रेलर को सार्वजनिक और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने के साथ-साथ सिख समुदाय से लिखित माफी मांगने की भी मांग की गई है।
एसजीपीसी ने कहा, “ऐसे दृश्य दिखाए गए हैं जिनमें सिख पोशाक में कुछ किरदारों को असॉल्ट राइफलों से लोगों पर गोली चलाते हुए दिखाया गया है।” नोटिस में कहा गया है कि ऐसा कोई सबूत या रिकॉर्ड नहीं है जो साबित करता हो कि भिंडरावाले ने कभी किसी से ऐसे शब्द कहे हों। एसजीपीसी ने नोटिस में कहा है कि फिल्म सिख भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सिख धर्म के बारे में गलत शिक्षा देने का एक साधन साबित होगी। नोटिस में कहा गया है कि फिल्म में सिख धर्म के इतिहास के काले दिनों को दिखाया गया है।
किसानों को लेकर दिए बयान पर भी हंगामा
इससे पहले कंगना रनौत की हाल में आई किसान विरोधी टिप्पणी को लेकर राजनीति दूसरे दिन मंगलवार को भी गरमाई रही। किसान आंदोलन को लेकर कंगना के विवादास्पद बयान को लेकर जहां आम आदमी पार्टी ने हरियाणा के कई शहरों में प्रदर्शन किया, तो वहीं कांग्रेस ने हमला बोला। कंगना की टिप्पणी को लेकर हिमाचल प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने हमला बोला है। उन्होंने कहा, कंगना द्वारा दिया गया बयान उनके बौद्धिक दिवालियापन को दर्शाता है। सिंह ने कहा, कंगना ने जो बयानबाजी किसानों के ऊपर की है और किसान आंदोलन में चीन और अमेरिका का हाथ होने की संभावना जताई है। ये दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं, शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि कंगना पर निशाना साधते हुए उम्मीद जताई कि वह अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगेंगी और भाजपा इस पर खेद व्यक्त करेगी। '
किसानों का देशव्यापी प्रदर्शन 31 को
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कंगना रनौत से अपने बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की बात कही है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा का केवल अभिनेत्री के बयान से किनारा करना काफी नहीं है, क्योंकि वह पार्टी की सांसद भी हैं। भाजपा को कंगना के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। पंधेर ने कहा, कंगना के बयान के विरोध में किसान 31 अगस्त को देशव्यापी प्रदर्शन करेंगे।
कंगना ने यह दिया था बयान
कंगना रनौत ने कहा था कि किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां दुष्कर्म और हत्याएं हो रही थीं। सरकार ने किसान विधेयक को वापस ले लिया, वर्ना उपद्रवियों की लंबी प्लानिंग थी। वहीं, भाजपा ने रनौत के बयान से असहमति जताते हुए किनारा कर लिया था। साथ ही पार्टी ने रनौत को किसान आंदोलन को लेकर कोई भी बयान देने से मना किया है।
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