Bank of Baroda gives a shock to Anil Ambani declares RCom loan account as fraud बैंक ऑफ बड़ौदा ने अनिल अंबानी को दिया झटका, आरकॉम के लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित किया, India News in Hindi - Hindustan
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बैंक ऑफ बड़ौदा ने अनिल अंबानी को दिया झटका, आरकॉम के लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित किया

जून 2024 में SBI ने भी आरकॉम के ऋण खातों को फ्रॉड घोषित किया था। इसके बाद 24 अगस्त को बैंक ऑफ इंडिया ने भी यही कदम उठाते हुए अनिल अंबानी का नाम लिया और कथित फंड डाइवर्जन व ऋण शर्तों के उल्लंघन का हवाला दिया।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानFri, 5 Sep 2025 10:11 AM
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बैंक ऑफ बड़ौदा ने अनिल अंबानी को दिया झटका, आरकॉम के लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित किया

रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम) और उसके पूर्व निदेशक अनिल अंबानी को बड़ा झटका लगा है। बैंक बैंक ऑफ बड़ौदा ने शुक्रवार को स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में कहा है कि उनके ऋण खातों को ‘धोखाधड़ी’ (फ्रॉड) वाले कैटेगरी में डाल दिया है। यह कदम उन ऋणों से जुड़ा है जो कंपनी के कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) में जाने से पहले लिए गए थे।

आरकॉम ने स्पष्ट किया है कि ये सभी ऋण उसके दिवाला प्रक्रिया शुरू होने से पहले के हैं और अब इनका निपटारा या तो समाधान योजना के तहत या फिर दूसरे तरीके से होना चाहिए। कंपनी वर्तमान में रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल अनीश निरंजन ननावटी के प्रबंधन में है। अनिल अंबानी अब कंपनी के निदेशक मंडल में शामिल नहीं हैं।

कंपनी ने बताया कि समाधान योजना पर ऋणदाताओं की समिति (CoC) ने मंजूरी दे दी है और अब इसे राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) की स्वीकृति का इंतजार है।

अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम) और अंबानी के ऋण खाते को वर्गीकृत करने की कार्रवाई 12 साल से अधिक पुराने मामले (2013 से संबंधित) से जुड़ी है। अंबानी 2006 से 2019 तक केवल गैर-कार्यकारी निदेशक रहे और कंपनी के दैनिक संचालन या निर्णयों में उनकी कोई भूमिका नहीं रही।

आरकॉम के 14 बैंकों का एक कंसोर्टियम था, लेकिन 10 साल बाद चुनिंदा ऋणदाता अब कार्रवाई कर रहे हैं। फिलहाल कंपनी का प्रबंधन SBI के नेतृत्व वाली ऋणदाता समिति और एक रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल की देखरेख में है। मार्च 2020 में ऋणदाता समिति ने समाधान योजना को मंजूरी दी थी, लेकिन मामला अभी भी NCLT, सुप्रीम कोर्ट और अन्य न्यायिक मंचों में लंबित है। अंबानी ने सभी आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि वे कानूनी सलाह के अनुसार उचित कदम उठाएंगे।

यह घटनाक्रम उस समय सामने आया है जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) अनिल अंबानी समूह की कंपनियों से जुड़े कथित ऋण घोटाले की जांच कर रहा है। बताया जा रहा है कि ईडी ने 12-13 बैंकों से रिलायंस हाउसिंग फाइनेंस, आरकॉम और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस से जुड़े ऋणों का ब्यौरा मांगा है। इस कथित धोखाधड़ी की कुल राशि लगभग 17,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है।

इससे पहले, जून 2024 में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने भी आरकॉम के ऋण खातों को फ्रॉड घोषित किया था। इसके बाद 24 अगस्त को बैंक ऑफ इंडिया ने भी यही कदम उठाते हुए अनिल अंबानी का नाम लिया और कथित फंड डाइवर्जन व ऋण शर्तों के उल्लंघन का हवाला दिया।

बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा कि वह इस कार्रवाई की रिपोर्ट भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) समेत सभी नियामक और संबंधित प्राधिकरणों को सौंपेगा। यह कदम RBI की फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट पर मास्टर डाइरेक्शंस के अनुरूप उठाया जाएगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न सिर्फ आरकॉम की चल रही दिवाला प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है बल्कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली में गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) के समाधान और जवाबदेही की दिशा में भी अहम संकेत देगा।

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