
पैर अभी तक कांप रहे हैं, लगा जैसे छत सिर पर गिर पड़ेगी; भूकंप के बाद असम के लोगों में दहशत
संक्षेप: असम में भूकंप के बाद लोगों की दहशत कम होने का नाम नहीं ले रही है। भूकंप प्रभावित क्षेत्र के लोगों ने अपने डर को सोशल मीडिया पर साझा किया है। गुवाहाटी में स्थानीय लोग घबराहट में अपने घरों से भाग निकले।
असम में भूकंप के बाद लोगों की दहशत कम होने का नाम नहीं ले रही है। भूकंप प्रभावित क्षेत्र के लोगों ने अपने डर को सोशल मीडिया पर साझा किया है। गुवाहाटी में स्थानीय लोग घबराहट में अपने घरों से भाग निकले। एक्स पर लिखी पोस्ट में एक यूजर ने कहा कि भूकंप काफी भयावह था। मेरे पैर अभी तक कांप रहे हैं। एक अन्य लिखा कि ऐसा लग रहा था कि छत ही हमारे सिर पर गिर पड़ेगी। बता दें कि असम के विभिन्न इलाकों में 5.9 मैग्नीट्यूट का भूकंप आया था।

तमाम लोगों ने भूकंप की इस दहशत को बयां किया। गुवाहाटी की रहने वाली एक महिला निवासी अनीता गोस्वामी ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि ऐसा लग रहा था कि जैसे यह कभी रुकेगा ही नहीं। एक मिनट के लिए तो मुझे लगा कि मैं मरने वाली हूं। एक अन्य निवासी ने बताया कि शुरुआत में तो भूकंप के झटके हल्के थे। लेकिन बहुत जल्द ही यह तेज हो गए। मुझे लगा कि थोड़ी देर में यह शांत हो जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। वास्तव में मुझे काफी ज्यादा डर लग रहा था। मेरा भाई छत पर था और मुझे डर लग रहा था कि अगर छत गिर गई तो क्या होगा।
दो नर्सों की दिलेरी
इस बीच एक शख्स ने असम के एक अस्पताल का विजुअल शेयर किया है। एक्स पर लिखी अपनी पोस्ट में लिखा है कि यह मेरे भाई असम के नगांव में स्थित अस्पताल है। दीवारें हिल रही थीं, लेकिन नीकू वॉर्ड में स्थित दो नर्सों ने गजब की दिलेरी दिखाई। उन्होंने भूकंप की दहशत के बीच अपना फर्ज निभाया। दोनों नर्स नवजात शिशुओं के नन्हें-नन्हें बिस्तरों को पकड़े खड़ी रहीं।
गौरतलब है कि देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र के कुछ हिस्सों में रविवार को 5.8 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। असम सरकार के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की तत्काल कोई सूचना नहीं मिली है। अधिकारियों ने बताया कि भूकंप रविवार शाम 4.41 बजे आया और इसका केंद्र उदलगुरी जिले में था। भूकंप पांच किलोमीटर की गहराई में आया था।





