
10 सदस्यीय टीम करेगी जुबिन गर्ग की मौत की जांच, असम सरकार ने बनाई SIT; निशाने पर चार लोग कौन?
संक्षेप: दूसरी तरफ, गुवाहाटी हाई कोर्ट में वकील संदीप चमारिया ने एक PIL दायर कर मामले को कोर्ट की निगरानी में CBI को सौंपने की मांग की है। याचिका में सिंगापुर में गायक की सुरक्षा में संभावित चूक का हवाला दिया गया है। इस पर 10 नवंबर को सुनवाई होगी।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के निर्देश पर राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) हरमीत सिंह ने बुधवार को लोकप्रिय गायक जुबिन गर्ग की असामयिक मौत की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। असम सीआईडी के एडिशनल डीजीपी एम.पी. गुप्ता को SIT का हेड बनाया गया है। उनके अलावा इस टीम में नौ अधिकारी रखे गए हैं। SIT गठन के बारे में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर लिखा, "हम किसी को नहीं बख्शेंगे। सीआईडी के एडीजी एमपी गुप्ता एसआईटी का नेतृत्व करेंगे।" सरमा नेआगे कहा कि उन्हें "मामले की जांच करने की पूरी आजादी होगी।"
इस बीच गर्ग के अंतिम संस्कार के एक दिन बाद प्रदेश के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य बुधवार को उनके आवास पर परिवार के सदस्यों से मिलने पहुंचे। राज्यपाल आचार्य ने गर्ग के पिता मोहिनी मोहन बोरठाकुर और उनकी पत्नी गरिमा गर्ग से मुलाकात कर अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की। लोकप्रिय गायक जुबीन गर्ग की 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय डूबने से मौत हो गई थी। फिलहाल असम पुलिस का अपराध अन्वेषण विभाग (CID) गर्ग की मौत के मामले की जांच कर रहा है।
निशाने पर चार लोग कौन?
बता दें कि ‘नॉर्थईस्ट इंडिया फेस्टिवल’ के आयोजकों के खिलाफ राज्य भर में 60 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। गायक इसी कार्यक्रम में प्रस्तुति देने सिंगापुर गए थे। 20 सितंबर को कार्यक्रम होना था लेकिन उससे पहले ही 19 सितंबर को समंदर में डूबने से उनकी मौत हो गई।जुबिन गर्ग को न्याय दिलाने की बढ़ती माँग के बीच, जिन चार लोगों के खिलाफ राज्यभर में प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, उनमें सिंगापुर में नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के आयोजक श्यामकानु महंत, गायक के मैनेजर सिद्धार्थ सरमा, जो गर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाली मुंबई स्थित एक टैलेंट मैनेजमेंट कंपनी से जुड़े थे; ड्रमर शेखरज्योति गोस्वामी और व्यवसायी संजीव नारायण शामिल हैं।
समूह पर लगाए गए प्रतिबंध
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि महंत और उनसे जुड़े किसी भी समूह को असम में किसी भी तरह का कार्यक्रम आयोजित करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा, "राज्य सरकार किसी भी ऐसे कार्यक्रम को, जिससे वह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हों, कोई वित्तीय अनुदान या विज्ञापन नहीं देगी।" उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार से भी अनुरोध करेगी कि वह उन्हें किसी भी तरह की वित्तीय सहायता न दें।
दिल्ली CFSL में होगी विसरा जांच
इस बीच, मुख्यमंत्री सरमा ने यह भी कहा कि गायक के दूसरे पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इकट्ठा किए गए विसरा के नमूने विस्तृत जांच के लिए केंद्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL) दिल्ली भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा, “एसआईटी को पूरी पेशेवर निष्ठा के साथ मामले की जांच करने की पूरी स्वतंत्रता होगी।” लोगों के एक बड़े वर्ग की मांग के बाद मंगलवार सुबह गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में गर्ग के शव का दूसरा पोस्टमार्टम किया गया था।
इसके बाद मंगलवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ गुवाहाटी के बाहरी इलाके में इस लोकप्रिय गायक का अंतिम संस्कार किया गया। बाद में डीजीपी हरमीत सिंह ने कहा कि 10 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है। सिंह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “माननीय मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा सर के निर्देशानुसार, जुबिन गर्ग की संदिग्ध और त्रासद मौत की पारदर्शी और समयबद्ध जांच सुनिश्चित करने के लिए, एम.पी. गुप्ता, विशेष डीजीपी, असम सीआईडी के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है।”
SIT में कौन-कौन?
गुप्ता के अलावा एसआईटी के अन्य सदस्यों में सीएम विजिलेंस एसएसपी रोजी कलिता, सीआईडी में अतिरिक्त एसपी मोरमी दास, लखीमपुर के अतिरिक्त एसपी लाबा डेका, टिटाबोर के डीएसपी तरुण गोयल और नगांव डीएसपी परिमिता सरकार भी हैं।सिंह ने इस संबंध में एक आदेश साझा करते हुए कहा कि सीआईडी के निरीक्षक धुरबो ज्योति बोरा, मुक्ताजुर रहमान और कृष्णु पाठक के साथ उपनिरीक्षक गिरेन्द्र केओट भी एसआईटी का हिस्सा हैं। आदेश में कहा गया है, “एसआईटी को पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से जांच पूरी करनी चाहिए। उपरोक्त सभी अधिकारी एसआईटी के कार्यकाल तक उससे जुड़े रहेंगे।”





