Hindi NewsIndia NewsAmit Shah bluntly rejects ceasefire proposal Naxalites says Lay down your Guns no bullets will be fired
हथियार डाल दें, गोली नहीं चलेगी; नक्सलियों से अमित शाह की दो टूक, संघर्ष विराम प्रस्ताव ठुकराया

हथियार डाल दें, गोली नहीं चलेगी; नक्सलियों से अमित शाह की दो टूक, संघर्ष विराम प्रस्ताव ठुकराया

संक्षेप: नक्सल मुक्त भारत पर आयोजित संगोष्ठी के समापन सत्र को संबोधित करते हुए शाह ने वामपंथी उग्रवाद को वैचारिक समर्थन देने के लिए वामपंथी दलों पर निशाना साधा और उनके इस तर्क को खारिज कर दिया कि विकास की कमी के कारण माओवादी हिंसा हुई।

Sun, 28 Sep 2025 09:46 PMMadan Tiwari पीटीआई, नई दिल्ली
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को नक्सलियों द्वारा दिए गए संघर्ष विराम के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि अगर चरमपंथी हथियार डालकर आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, तो उनका स्वागत है और सुरक्षा बल उन पर एक भी गोली नहीं चलाएंगे। शाह ने कहा, “हाल ही में भ्रम फैलाने के लिए एक पत्र लिखा गया, जिसमें कहा गया कि अब तक जो कुछ हुआ है वह एक गलती है, युद्ध विराम घोषित किया जाना चाहिए और हम (नक्सली) आत्मसमर्पण करना चाहते हैं। मैं कहना चाहता हूं कि कोई संघर्षविराम नहीं होगा। अगर आप आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, तो संघर्षविराम की कोई जरूरत नहीं है। हथियार डाल दें, एक भी गोली नहीं चलेगी।”

उन्होंने कहा कि यदि नक्सली आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, तो उनके लिए “लाभदायक” पुनर्वास नीति के साथ भव्य स्वागत किया जाएगा। ‘नक्सल मुक्त भारत’ पर आयोजित संगोष्ठी के समापन सत्र को संबोधित करते हुए शाह ने वामपंथी उग्रवाद को वैचारिक समर्थन देने के लिए वामपंथी दलों पर निशाना साधा और उनके इस तर्क को खारिज कर दिया कि विकास की कमी के कारण माओवादी हिंसा हुई। उन्होंने कहा कि यह “लाल आतंक” के कारण ही था कि कई दशकों तक देश के कई हिस्सों में विकास नहीं हो सका।

शाह ने यह बात कुछ समय पहले भाकपा (माओवादियों) द्वारा की गई संघर्ष विराम की पेशकश के जवाब में कही। यह पेशकश सुरक्षा बलों द्वारा छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर चलाए गए “ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट” सहित कई शीर्ष नक्सलियों के सफाए के बाद की गई थी। मंत्री ने कहा कि ऐसे कई लोग हैं, जो मानते हैं कि नक्सलियों द्वारा की जा रही हत्याओं को रोकना ही भारत से नक्सलवाद को खत्म करने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा, हालांकि यह सच नहीं है, क्योंकि भारत में नक्सलवाद इसलिए विकसित हुआ, क्योंकि इसकी विचारधारा को समाज के लोगों ने ही पोषित किया।

उन्होंने कहा, “देश में नक्सल समस्या क्यों पैदा हुई, बढ़ी और विकसित हुई? किसने उन्हें वैचारिक समर्थन दिया? जब तक भारतीय समाज यह नहीं समझेगा, नक्सलवाद का विचार और समाज में वे लोग जिन्होंने वैचारिक समर्थन, कानूनी समर्थन और वित्तीय सहायता प्रदान की, तब तक नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई खत्म नहीं होगी।” शाह ने कहा, “हमें उन लोगों की पहचान करनी होगी और उन्हें समझना होगा जो नक्सल विचारधारा को पोषित करना जारी रखे हुए हैं।” गृह मंत्री ने कहा कि देश 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा।

Madan Tiwari

लेखक के बारे में

Madan Tiwari

लखनऊ के रहने वाले मदन को डिजिटल मीडिया में आठ साल से अधिक का अनुभव है। लाइव हिन्दुस्तान में यह दूसरी पारी है। राजनीतिक विषयों पर लिखने में अधिक रुचि है। नेशनल, इंटरनेशनल, स्पोर्ट्स, यूटीलिटी, एजुकेशन समेत विभिन्न बीट्स में काम किया है। लगभग सभी प्रमुख अखबारों के संपादकीय पृष्ठ पर 200 से अधिक आर्टिकल प्रकाशित हो चुके हैं। खाली समय में लॉन टेनिस खेलना पसंद है।

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