Hindi NewsIndia NewsAmit Shah asks police research department to study past protests after Independence, prepare SOP to curb mass agitations

आजादी बाद के जनांदोलनों के पीछे किसका हाथ, किसने दिए पैसे? स्टडी कर बनाओ SOP, HM का आदेश

रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा अतीत में हुए जनांदोलनों का अध्ययन करने का निर्देश भविष्य में होने वाले जनांदोलनों को रोकने की दिशा में एक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करना है। इसके अलावा धर्मिक समारोहों में भगदड़ के मामलों से बचना है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 15 Sep 2025 07:17 AM
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आजादी बाद के जनांदोलनों के पीछे किसका हाथ, किसने दिए पैसे? स्टडी कर बनाओ SOP, HM का आदेश

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPR&D) को आदेश दिया है कि आजादी के बाद खासकर 1974 के बाद से देश के अंदर जितने भी विरोध-प्रदर्शन और जनांदोलन हुए हैं, उनका अध्ययन कराया जाए और यह पता लगाया जाए कि उन आंदोलनों के पीछे कौन लोग थे, आंदोलन के कारण क्या थे और उन्हें किसने फंडिंग की थी। इसके अलावा उन आंदोलनों और विरोध-प्रदर्शन का नतीजा क्या रहा। इसका मकसद भविष्य में होने वाले जनांदोलनों को रोकने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करना है।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अमित शाह ने जुलाई के अंतिम सप्ताह में नई दिल्ली में इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा आयोजित दो दिवसीय 'राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन- 2025' में ये निर्देश दिए हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि BPR&D को उन विरोध प्रदर्शनों के कारणों, पैटर्न और परिणामों का विश्लेषण करने के लिए कहा गया है, विशेष रूप से उन जनांदोलनों में पर्दे के पीछे कौन लोग शामिल थे, इसका पता लगाने को कहा गया है।

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…ताकि भविष्य में रोके जा सकें ऐसे आंदोलन

अधिकारी के मुताबिक, यह निर्देश भी दिया गया है कि भविष्य में निहित स्वार्थों की वजह से अगर कोई बड़ा विरोध-प्रदर्शन होता है तो उसे रोकने के लिए क्या मानक होने चाहिए, इसे भी इस अध्ययन परिणामों के आधार पर तैयार किया जाए। रिपोर्ट में कहा गया है कि गृह मंत्री के निर्देशों के बाद, केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले अधीन BPR&D एक टीम गठित करने की प्रक्रिया में है, जो राज्यों के पुलिस महकमों के साथ मिलकर उनके अपराध जाँच विभागों (CID) की रिपोर्टों समेत पुराने केस की फाइलों का अध्ययन करेगी।

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ED, CBDT को भी साथ लेने के निर्देश

एक अन्य अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री शाह ने BPR&D को प्रवर्तन निदेशालय (ED), वित्तीय खुफिया इकाई-भारत (FIUIND) और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) जैसी वित्तीय जाँच एजेंसियों को भी ऐसे आंदोलनों के "वित्तीय पहलुओं" की जाँच के लिए शामिल करने को कहा है। इसके अलावा आतंकी फंडिंग नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए, इन संस्थाओं को वित्तीय अनियमितताओं के विश्लेषण के माध्यम से अज्ञात आतंकी नेटवर्क, उनके संबंधों और इरादों की पहचान करने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया विकसित करने को कहा गया है।

खालिस्तानी उग्रवाद से भी निपटने के लिए SOP बनाने का निर्देश

रिपोर्ट में कहा गया है कि शाह ने बीपीआरएंडडी को विभिन्न धार्मिक जनसभाओं पर भी स्टडी करने के लिए राज्य पुलिस विभागों के साथ समन्वय करने को कहा है ताकि भगदड़ जैसी घटनाओं के कारणों को समझा जा सके और ऐसे समारोहों की निगरानी और नियमन के लिए भी एक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की जा सके। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि शाह ने राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA), सीमा सुरक्षा बल (BSF) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) से पंजाब में खालिस्तानी उग्रवाद और सामान्य आपराधिक गतिविधियों से निपटने के लिए भी अलग-अलग SOP तैयार करने को कहा है।

Pramod Praveen

लेखक के बारे में

Pramod Praveen
भूगोल में पीएचडी और पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर उपाधि धारक। ईटीवी से बतौर प्रशिक्षु पत्रकार पत्रकारिता करियर की शुरुआत। कई हिंदी न्यूज़ चैनलों (इंडिया न्यूज, फोकस टीवी, साधना न्यूज) की लॉन्चिंग टीम का सदस्य और बतौर प्रोड्यूसर, सीनियर प्रोड्यूसर के रूप में काम करने के बाद डिजिटल पत्रकारिता में एक दशक से लंबे समय का कार्यानुभव। जनसत्ता, एनडीटीवी के बाद संप्रति हिन्दुस्तान लाइव में कार्यरत। समसामयिक घटनाओं और राजनीतिक जगत के अंदर की खबरों पर चिंतन-मंथन और लेखन समेत कुल डेढ़ दशक की पत्रकारिता में बहुआयामी भूमिका। कई संस्थानों में सियासी किस्सों का स्तंभकार और संपादन। और पढ़ें
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