
50% निर्यात रद्द; 25000 Cr का नुकसान, ट्रंप टैरिफ से मछुआरे बेजार, तीन मंत्रियों से CM की क्या गुहार?
संक्षेप: मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने काहा कि राज्य सरकार ने मछुआरों की मदद के लिए पहले ही राहत उपाय शुरू कर दिए हैं और चारा उत्पादकों के साथ चर्चा के बाद, एक्वा फीड के अधिकतम खुदरा मूल्य में 9 रुपये/किलो की कमी की गई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ की मार से तटीय राज्य आंध्र प्रदेश के किसान खासकर मछुआरे त्राहिमाम कर रहे हैं। राज्य से होने वाला झींगा मछली का निर्यात औंधे मुंह गिरा है। आंध्र प्रदेश का अनुमान है कि इसकी वजह से 25000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उच्च टैरिफ दर की वजह से झींगा निर्यात के 50 फीसदी ऑर्डर कैंसल हो चुके हैं। राज्य सरकार की तरफ से कहा गया है कि जो 2000 कंटेनर निर्यात किए जा रहे हैं, उन पर 600 करोड़ रुपये का टैक्स बोझ पड़ा है।

किसानों और मछुआरों की समस्या को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र सरकार से इस मामले में दखल देने की अपील की है। दरअसल, ट्रम्प द्वारा पहले घोषित 25 फीसदी के रेसिप्रोकल टैरिफ (जवाबी शुल्क) के अलावा रूसी तेल आयात करने की वजह से दंड के तौर पर लगाए गए 25% टैरिफ (कुल 50 फीसदी) के अलावा, 5.76 % प्रतिपूरक शुल्क और 3.96% एंटी-डंपिंग शुल्क की घोषणा के बाद कुल टैरिफ 59.72% तक पहुँच गया है।
केंद्र सरकार के तीन मंत्रियों को चिट्ठी
इसे देखते हुए मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र सरकार के तीन विभागों के मंत्रियों को चिट्ठी लिखकर आंध्र प्रदेश के जलीय किसानों की मदद करने की अपील की है, और कहा है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण ये किसान गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। नायडू ने केंद्र से जीएसटी में राहत देने और राज्य के मछुआरों को वित्तीय पैकेज देने की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने जलीय उत्पादों की घरेलू खपत बढ़ाने के उपायों का भी अनुरोध किया है।
किन-किन मंत्रियों को चिट्ठी और उसमें क्या?
नायडू ने जिन लोगों को चिट्ठी लिखी है, उनमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और मत्स्य पालन मंत्री राजीव रंजन सिंह शामिल हैं। तीनों को अलग-अलग पत्र लिखे गए हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, नायडू ने वित्त मंत्री से जीएसटी और वित्तीय राहत जैसे मुद्दों पर विचार करने, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री से जलीय क्षेत्र में अन्य देशों के साथ समझौते करने और मत्स्य पालन मंत्री से घरेलू बाजार के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करने का अनुरोध किया है।
झींगा निर्यात में आंध्र प्रदेश के 80% योगदान
बता दें कि आंध्र प्रदेश देश का झींगा निर्यात में 80% और समुद्री निर्यात में 34% योगदान देता है, जिसका वार्षिक निर्यात लगभग 21,246 करोड़ रुपये है। नाडू ने अपनी चिट्ठी में लिथा है कि ट्रंप टैरिफ के प्रभाव के कारण लगभग 2.5 लाख मछुआरे और किसान परिवार और संबद्ध क्षेत्रों पर निर्भर 30 लाख लोग मुश्किल के दौर में जी रहे हैं। नायडू ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ का झींगा निर्यात पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है। इसके अलावा, उन्होंने केंद्र से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए यूरोपीय संघ, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब और रूस के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) करने का सुझाव दिया है।
मुख्यमंत्री ने निर्यातकों के लिए अंतरिम वित्तीय सहायता, टैरिफ/कर राहत योजनाओं पर स्पष्टता की भी मांग की, और कहा कि निर्यातक यूरोपीय संघ को समुद्री भोजन की आपूर्ति के लिए तैयार हैं। उन्होंने निर्यातकों और एक्वा कंपनियों के लिए बैंक सहायता का अनुरोध किया, जिसमें ऋण और ब्याज भुगतान पर 240 दिनों की मोहलत, ब्याज सब्सिडी और फ्रोजन झींगा पर 5 प्रतिशत जीएसटी की अस्थायी छूट शामिल है।





