SC में अद्भुत नजारा, जज के सामने दोषी और पीड़िता ने एक-दूजे को दिए फूल; खूब बजी तालियां, माजरा क्या?
यह नजारा जस्टिस बीवी नागरत्ना की अदालत में देखने को मिला, जहां बलात्कार की एक पीड़िता और उसके दोषी ने एक-दूसरे से शादी करने का फैसला कर लिया। पीठ ने दोषी की सजा निलंबित कर दी है। 2016 से 2021 के बीच रेप करने के आरोप हैं।

सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को एक अद्भुत नजारा देखने को मिला, जहां एक दोषी और एक पीड़िता ने दो जजों की मौजूदगी में उनके ही कोर्टरूम में एक-दूसरे को फूल दिए। इससे खुश जज ने दोषी की सजा भी निलंबित कर दी। ये नजारा था जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अदालत का। दरअसल, शादी का झूठा वादा कर बलात्कार करने के एक दोषी और पीड़िता से जुड़े मामले की सुनवाई जस्टिस नागरत्ना की अध्यक्षता वाली पीठ कर रही थी।
इस दौरान दोनों (दोषी और पीड़िता) ने एक-दूसरे से शादी करने की इच्छा जताई। इसके बाद जस्टिस बीवी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने उस जोड़े से कोर्ट रूम के अंदर एक-दूसरे को फूल देने को कहा। फिर दोनों ने उसी कोर्टरूम में वैसा ही किया। यह नजारा देखकर अदालत में तालियां बजने लगीं। इसके बाद पीठ ने शादी करने की इजाजत देते हुए दोषी की सजा को निलंबित कर दिया।
लंच सेशन में दोनों पक्षों से चैंबर में मुलाकात
कोर्ट ने पुरुष से महिला को प्रपोज करने का आग्रह करने से पहले कहा, "हमने लंच सेशन में दोनों पक्षों से चैंबर में मुलाकात की। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे से शादी करने की इच्छा जाहिर की है। इसलिए हम इन्हें शादी करने की इजाजत दे रहे हैं और इनकी सजा निलंबित कर रहे हैं।" बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, पीठ ने अपने आदेश में कहा, "वे (बलात्कार के आरोपी और पीड़िता) एक दूसरे से शादी करने के लिए तैयार हैं। विवाह का विवरण संबंधित माता-पिता द्वारा तय किया जाएगा। हमें उम्मीद है कि विवाह जल्द से जल्द हो जाएगा। ऐसी परिस्थितियों में, हम सजा को निलंबित कर रहे हैं और याचिकाकर्ता को रिहा करते हैं... उसे वापस जेल भेजा जाएगा और जल्द से जल्द संबंधित सत्र अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा।" कोर्ट ने कहा कि संबंधित सेशन कोर्ट उसे जमानत पर रिहा करेगा।
शादी के झूठे वादे पर बार-बार बलात्कार का आरोप
बता दें कि दोषी व्यक्ति ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा पारित 5 सितंबर, 2024 के आदेश को चुनौती देते हुएसुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। हाई कोर्ट ने CrPC की धारा 389 (1) के तहत सजा के निलंबन के लिए उसके आवेदन को खारिज कर दिया गया था। आरोपी के खिलाफ मामला 2021 की एक प्राथमिकी से जुड़ा है, जिसमें उस पर 2016 से 2021 के बीच शादी के झूठे वादे के तहत पीड़िता के साथ बार-बार बलात्कार करने का आरोप लगाया गया था।
फेसबुक पर हुई मुलाकात, बहन की दोस्त है पीड़िता
प्राथमिकी के अनुसार, व्यक्ति की महिला से फेसबुक के जरिए मुलाकात हुई थी, क्योंकि वह उसकी बहन की दोस्त थी। उनके बीच संबंध बने और कई मौकों पर उनके बीच शारीरिक संबंध भी बने। आरोप है कि हर बार आरोपी ने युवती को आश्वासन दिया कि वह उससे शादी करेगा। जब उसने आखिरकार शादी करने के लिए कहा, तो उसने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उसकी मां इसके लिए राजी नहीं है। इसके बाद पीड़िता में उसके खिलाफ FIR दर्ज करा दी। सितंबर 2024 में ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार दिया था औऱ 10 साल की जेल की सजा सुनाई थी।