
भारत-अफगानिस्तान के बीच उड़ानों को बढ़ाने की घोषणा, वाघा बॉर्डर खोलने पर भी चर्चा
संक्षेप: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री और तालिबान नेता आमिर खान मुत्तकी ने कहा कि चाबहार बंदरगाह को लेकर चर्चा हुई। उन्होंने कहा, 'भारत-अफगानिस्तान के बीच व्यापार के लिए सबसे तेज और आसान मार्ग वाघा सीमा को खोलने की अपील की है।'
भारत और अफगानिस्तान के बीच सीधी फ्लाइट को लेकर अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने बड़ा ऐलान किया। रविवार को उन्होंने बताया कि भारतीय विदेश मंत्री ने काबुल और दिल्ली के बीच उड़ानों की संख्या बढ़ाने की घोषणा की है। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच व्यापार और अर्थव्यवस्था पर भी एक समझौता हुआ। मुत्तकी ने कहा कि अफगानिस्तान ने भारत को खनिज, कृषि और खेल क्षेत्रों में निवेश के लिए आमंत्रित किया है। आमिर खान मुत्तकी ने कहा कि चाबहार बंदरगाह को लेकर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा, 'भारत-अफगानिस्तान के बीच व्यापार के लिए सबसे तेज और आसान मार्ग वाघा सीमा को खोलने की अपील की है।'

अफगान विदेश मंत्री मुत्तकी ने दो दिन पहले अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को निमंत्रण न दिए जाने के मुद्दे पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि पीसी एक शॉर्ट नोटिस पर बुलाई गई थी और पत्रकारों की छोटी सी सूची तैयार हुई थी। भागीदारी वाली लिस्ट स्पेसिफिक थी और यह एक तकनीकी मामला रहा। मुत्तकी ने साफ किया कि उनके सहयोगियों ने विशिष्ट पत्रकारों की सूची से निमंत्रण भेजने का फैसला किया था और इसके पीछे कोई अन्य इरादा नहीं था।
महिलाओं की शिक्षा पर क्या बोले
आमिर खान मुत्तकी ने अपने देश में महिलाओं की शिक्षा पर प्रतिबंध के मुद्दे पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान का उलेमा मदरसों और दारुल उलूम देवबंद के साथ गहरा संबंध है। उन्होंने बताया कि फिलहाल अफगानिस्तान में 1 करोड़ छात्र स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ रहे हैं, जिनमें 28 लाख महिलाएं और लड़कियां शामिल हैं। धार्मिक मदरसों में ग्रेजुएशन तक शिक्षा की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ क्षेत्रों में निश्चित सीमाएं हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे शिक्षा के विरोधी हैं। मुत्तकी ने साफ किया कि शिक्षा को धार्मिक रूप से हराम घोषित नहीं किया गया है, बल्कि इसे अगले आदेश तक स्थगित किया गया है।





